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३१७. टिप्पणियाँ
सरोजिनीदेवी

सरोजिनीदेवी गत बुधवारको भारतके तटसे अमेरिकाके लिए रवाना हो गईं। बहुत-से लोग आशा करते हैं कि यूरोप, अमेरिका इत्यादि मुल्कोंमें अपनी स्थायी सभाएँ कायम करके या समय-समय पर अपने प्रतिनिधि भेजकर हमारे बारेमें जो झूठी मान्यताएँ प्रचलित हो गई हैं, उन्हें दूर करके वहाँके लोगोंको भारतकी सही स्थिति बतलाई जा सकती है। मुझे यह आशा हमेशा ही निकम्मी जान पड़ी है। ऐसा करके हम सार्वजनिक धनका और जिन लोगोंके समयका हिन्दुस्तानमें और अच्छा उपयोग हो सकता है, उनके समयका दुरुपयोग करेंगे। किन्तु पश्चिममें अगर किसीका जाना फलदायी हो सकता है तो वह सरोजिनीदेवी या कविवर रवीन्द्रनाथ ठाकुरका जाना ही हो सकता है। अपनी कविताओंके कारण सरोजिनीदेवीका नाम पश्चिममें प्रसिद्ध है; और उनमें कवित्व-शक्तिके साथ वक्तृत्व-शक्ति भी है। वे व्यवहार-पटु भी हैं। उन्हें यह भलीभाँति मालूम है कि कहाँ, क्या और कितना कहना चाहिए। किसीको दुःख पहुँचाये बिना खरी-खरी सुना देनेकी कला भी उन्हें सधी है। जहाँ-कहीं वे जाती हैं, उनकी बात लोगोंको सुननी ही पड़ती है। दक्षिण आफ्रिकामें अपनी शक्तिका पूरी तरह उपयोग करके उन्होंने वहाँके अंग्रेजोंका मन हर लिया था और भलीभाँति सफलता प्राप्त करके सर मुहम्मद हबीबुल्ला[१] प्रतिनिधि मण्डलका रास्ता साफ कर दिया था। वहाँका काम कठिन था। किन्तु उन्होंने अपनी सीमाको पहचानकर, कानूनके दाँव-पेचमें न पड़ते हुए, खास मुद्देपर डटे रहकर अपना काम सम्पन्न किया था और हिन्दुस्तानका नाम चमकाया था। वे ऐसा ही काम अमेरिका आदि देशोंमें भी करेंगी। अमेरिकामें उनका पहुँचना ही मिस मेयोके असत्यका उत्तर सिद्ध होगा। उनमें अपने अन्य गुणोंके अनुरूप ही साहस भी है। परदेश जाते हुए उन्हें न तो किसी मददगारकी जरूरत है और न किसी सचिवकी। वे कहीं भी अकेले निर्भयतासे विचर सकती हैं। उनकी यह निर्भयता स्त्रियोंके लिए तो अनुकरणीय है ही, किन्तु यह पुरुषोंको भी लजानेवाली है। हम अवश्य यह आशा रख सकते हैं कि उनकी पश्चिमकी यात्रासे अच्छा फल निकलेगा।

काकाकी बेचैनी

काकासाहबके हस्ताक्षरसे "यमुनारानी" शीर्षक जो गद्य-काव्य इस अंकमें प्रकाशित किया जा रहा है उसे भेजते हुए काकासाहब लिखते हैं।[२]

काकासाहब गुजरातको सच्ची शिक्षा देनेके लिए बेचैन हो उठे हैं। यदि ऐसा न होता तो गंगामैयाकी स्तुति करनेके बाद दो वर्षतक यमुनारानीकी खुशामद

 

  1. देखिए खण्ड २४।
  2. पत्रका अनुवाद यहाँ नहीं दिया जा रहा है।