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तार: चोइथराम पी॰ गिडवानीको

अवश्य सुधार लेंगे और आपके बारेमें मेरी जो धारणा है – अर्थात् यह कि आप सत्यवादी और ईश्वरसे डरकर चलनेवाले आदमी हैं – वह जबतक बनी हुई है तबतक तो आप अगर गलतियाँ भी करेंगे तो मेरे प्रिय ही बने रहेंगे। मैं तो खुद ही अकसर गलतियाँ करता हूँ और मुझे बराबर मित्रों और विरोधियोंकी क्षमाशीलताकी आवश्यकता रहती है। इसलिए जिस चीजको मैं आपकी गलती मानूँ, उसको लेकर मैं चिन्ता क्यों करूँ?

सस्नेह,

आपका,
मो॰ क॰ गांधी

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३६९२) की फोटो-नकलसे।

 

३४८. तार: श्यामनारायणको[१]

[२५ सितम्बर, १९२८]


श्यामनारायण
प्रोसिक्यूटिंग इंस्पेक्टर, मेरठ सिटी
आपका पुत्र सही-सलामत पहुँच गया है। आपके आनेतक उसे रोक रहा हूँ।

गांधी

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १४७८०) की माइक्रोफिल्मसे।

 

३४९. तार: चोइथराम पी॰ गिडवानीको[२]

[२५ सितम्बर, १९२८]


डॉ॰ चोइथराम
हैदराबाद (सिन्ध)
बलभभाई बारडोली चले गये। वहाँसे कहीं जाना उनके लिए कठिन है।

गांधी

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १४७८१) की माइक्रोफिल्मसे।

 

  1. श्यामनारायणके २५ सितम्बरके तारके उत्तरमें। अपने तारमें इषामनारायणने लिखा था: "मेरा लड़का सरूपनारायण, जो १८ वर्षका है और दुबला-पतला तथा गोरे रंगका है, कालेजसे चला गया है। कृपया उसे वहीं रोक रखें। आ रहा हूँ।"
  2. चोइथराम गिडवानीके २५ सितम्बरके उस तारके उत्तरमें जिसमें उन्होंने वल्लभभाईको सिर्फ एक दिनके लिए फुरसत देनेका अनुरोध किया था।