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पत्र: डी॰ बी॰ कृष्णम्माको

कोशिश करूँ तो वह माप बहुत गलत होगा। मेरा अनुमान है कि तुमने शायद बीस हजारके बदले दो हजार रुपयेमें काम चलानेकी हिम्मत दिखाई है और इस तरह प्रगति ही की है और यदि तुम दो हजारसे बीस रुपयेपर उतर आते तो शायद तुम्हें अपनी सासका साथ छोड़ना पड़ जाता और पत्नी से तलाक ही हो जाता। उस दृष्टिसे दो हजार रुपयेका सौदा बुरा नहीं रहा।

आशा है, तुम सपरिवार स्वस्थ होगे।

हृदयसे तुम्हारा,
बापू

श्रीयुत नारायणदास मलकानी
हैदराबाद (सिन्ध)

अंग्रेजी (जी॰ एन॰ ८८८) की फोटो-नकलसे।

 

३७२. पत्र: डी॰ बी॰ कृष्णम्माको

आश्रम, साबरमती
४ अक्टूबर, १९२८

प्रिय कृष्णम्मा,

एलबम और फ्रेम पाकर खुशी हुई। कुछ अनुकृतियाँ तो बड़ी ही सुन्दर है। मैं यदि कभी राजमुन्द्री आ सका तो मुझे मूल चित्र अवश्य दिखलाइएगा।

आशा है, आप पूर्णतः स्वस्थ होंगी।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

श्रीमती डी॰ बी॰ कृष्णम्मा,
राजमुन्द्री

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १४७८७) की माइक्रोफिल्म से।