पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 37.pdf/३८३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

३७४. तार: मोतीलाल नेहरूको[१]

टी॰ आर॰ फूकन, गोहाटी

आश्रम, साबरमती
[६ अक्टूबर, १९२८]


मोतीलाल नेहरू
आनन्द भवन, इलाहाबाद
आपका तार मिला। डॉ॰ बेसेंटने भी तार भेजा। कल विस्तृत उत्तर[२] दे दिया है। आशा है कि सब ठीक ही होगा।

गांधी

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३७०२) की फोटो-नकलसे।

 

३७५. तार: टी॰ आर॰ फूकनको[३]

आश्रम, साबरमती
६ अक्टूबर, १९२८

अत्यधिक व्यस्तताके कारण उत्तर नहीं दे पाया। मेरी सलाह है कि आप धनाढ्य कांग्रेसियोंसे सम्पर्क करें।

गांधी

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५४९) की माइक्रोफिल्मसे।

 

  1. यह मोतीलाल नेहरूके ५ अक्टूबरके तार (एस॰ एन॰ १३७९९) के उत्तरमें भेजा गया था। अपने तारमें उन्होंने कहा था कि श्रीनिवास अय्यंगार कांग्रेसियोंसे श्रीमती बेसेंट द्वारा बुलाई मद्रास प्रान्तीय सर्वदलीय परिषद्से अलग रहनेकी अपील करके परिषद्के आयोजनमें अनुचित हस्तक्षेप कर रहे हैं और इसलिए, आप उन्हें तार देकर इस कार्रवाईसे बाज आनेको कहें।
  2. देखिए पिछला शीर्षक।
  3. इनके एक तार (एस॰ एन॰ १३५४३) के उत्तरमें, जिसमें कहा गया था: "कांग्रेसकी बकाया राशिके सिलसिले में हमारे खिलाफ १३,५०० रुपयोंकी डिगरीके सम्बन्ध में मैंने शिमलासे पत्र लिखा था। कृपया बचानेका कोई उपाय निकालिए।"