पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 37.pdf/४३९

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४३५. पत्र: रामदास गांधीको

मौनवार, २२[१] अक्टूबर, १९२८

चि॰ रामदास,

तुम्हारा पत्र मिला। बा ठीक है, चिन्ताका कोई कारण नहीं है। नीमू कल यहाँ पहुँच गई और वह अच्छी है। आते ही वह बा की सेवामें लग गई। अन्य बीमार भी अच्छे होते जा रहे हैं। तुम्हें यह खबर मिल गई होगी कि सुशीलाके कन्या हुई है।

नानाभाईने उसका नाम धैर्यवाला रखने की सूचना तार द्वारा दी है।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती (जी॰ एन॰ ६८५४) की फोटो-नकलसे।

 

४३६. पत्र: नानाभाई मशरूवालाको

मौनवार [२२ अक्टूबर, १९२८][२]

भाई नानाभाई,

तुम्हारा पत्र मिला। यहाँ भी एक तार मिला था, जिसे मैंने तुम्हें भेज देनेको कहा भी था। अहिंसा के सम्बन्ध में तुम्हारा पत्र पढ़कर मुझे प्रसन्नता हुई।

मैं तुम्हें उत्तर तो देना चाहता हूँ किन्तु फुरसत मिलनेपर ही उत्तर दे सकूँगा। किशोरलाल[३] शुक्रवारको रवाना हो रहे हैं।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती (जी॰ एन॰ ६६७७) की फोटो-नकलसे।

 
  1. साधन-सूत्र में २१ तारीख है; देखिए अगले दो शीर्षक।
  2. इस पत्र में जिस तारका उल्लेख है वह सम्भवतः मणिलाल गांधीने दिया था। उसमें सुशीलाके कन्या होनेका समाचार था; देखिए अगला शीर्षक।
  3. किशोरलाल मशरूवाला।