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४६१. पत्र: डी॰ एन॰ बहादुरजीको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
२७ अक्टूबर, १९२८

प्रिय मित्र,

आप जानते ही हैं कि बारडोली जाँच-समिति अगले महीने अपना काम शुरू करने जा रही है। मेरी बड़ी इच्छा है कि समितिके सामने रैयतकी ओरसे कोई बड़ा ही सुयोग्य और प्रतिष्ठित वकील पैरवी करे। क्या आपको इस मामलेका पूरा अध्ययन करने और जाँच शुरू होनेपर इसकी पैरवी करनेका समय मिल पायेगा? मुझे यह अपेक्षा नहीं कि आप समितिकी प्रत्येक बैठक में हाजिर हों। पर मैं इतना जरूर चाहता हूँ कि आपकी इच्छा हो और आपके पास समय हो तो आप रैयतके सभी सलाहकारोंका सामान्यतया मार्गदर्शन करते रहें और जब भी जरूरत पड़ जाये आप स्वयं समितिकी बैठकों में हाजिर हों।

महादेव यह पत्र आपको स्वयं जाकर देगा। मैं भूलाभाईको[१] भी ऐसा ही पत्र लिख रहा हूँ।

हृदयसे आपका,

डी॰ एन॰ बहादुरजी महोदय
रिज रोड, मलाबार हिल, बम्बई

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३५७५) की फोटो-नकलसे।

 

४६२. पत्र: कल्याणजी मेहताको

शनिवार [२७ अक्टूबर, १९१८][२]

भाईश्री ५ कल्याणजी,

ऐसी शिकायत मिली है कि ‘हिन्दू’ के मन्त्रीके बेड़ियाँ डाल दी गई हैं और अन्य प्रकारसे भी उनके साथ अत्याचार किये जा रहे हैं। इस बारेमें तुम यदि कुछ जानते हो तो मुझे लिखना।

बापूके आशीर्वाद

 
  1. भूलाभाई देसाई।
  2. डाककी मुहरसे।