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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मुझे ——————————————— में भली-भाँति समझा दिये गये हैं। मैं इसके द्वारा घोषणा करता हूँ कि इन प्रश्नोंको मैंने समझ लिया है और इनके उत्तर बिलकुल सही-सही दिये हैं।

प्रार्थीके हस्ताक्षर (रोमन लिपिमें या अँगूठा निशानी)
———————————————
पूरा पता

मैं ———————————————————— ने समझाया।

हस्ताक्षर ————————————————————


मेरे समक्ष ———————— में आज दिनांक —————— को घोषित किया गया। तिथि ——————— वर्ष ————————— को घोषित किया गया।
प्रार्थीकी अँगूठा निशानी ——————————————— बायें ——————————————— दायें ——————————————— ————————————————————

मजिस्ट्रेट या प्रवास अधिकारी जो शपथ आयुक्त है

 

[२. पत्र-व्यवहार][१]
पी॰ के॰ देसाईको सी॰ एस॰ स्मिटका पत्र

दक्षिण आफ्रिकी संघ
गृह-विभाग
केप टाउन
२४ फरवरी, १९२८

महोदय

मैं आपके दिनांक ६ जनवरी, १९२८ के पत्रकी प्राप्ति सूचना देनेका श्रेय ले रहा हूँ। आपने उस पत्र में माननीय गृह मन्त्रीको दक्षिण आफ्रिकी भारतीय कांग्रेस द्वारा जनवरी, १९२८ में किम्बरले में हुए आठवें अधिवेशनके दौरान पारित किया गया निम्नलिखित प्रस्ताव भेजा है:

दक्षिण आफ्रिकाके भारतीय समाजके प्रतिनिधिकी हैसियत से, सम्मेलनमें समवेत 'दक्षिण आफ्रिकी भारतीय कांग्रेस का यह आठवाँ अधिवेशन अपनी और अपनी सम्बद्ध संस्थाओं — अर्थात् ट्रान्सवालके भारतीय समाजकी प्रतिनिधि की हैसियतसे, 'ट्रान्सवाल भारतीय कांग्रेस', केप प्रान्तके भारतीय समाजकी प्रतिनिधिको हैसियतसे, 'केप ब्रिटिश भारतीय परिषद', और नेटालके भारतीय समाजकी प्रतिनिधिको हैसियतसे 'नेटाल भारतीय कांग्रेस' — की ओरसे, इसके
  1. इसके बादका अंश १६-८-१९२८ के यंग इंडियासे लिया गया है।