पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 37.pdf/६३

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३५. पत्र : समन्दलालको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
६ जुलाई, १९२८

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। आश्रममें अभी बहुत-से परिवर्तन किये जा रहे हैं, इसलिए प्रबन्ध समितिने ऐसा सोचा है कि फिलहाल जहाँ तक सम्भव हो, अस्थायी प्रवेश पर भी रोक लगा रखना वांछनीय है। फिर, आपका मुख्य उद्देश्य तो कताई सीखना है, इसलिए मैं कह सकता हूँ कि आप मद्रासमें भी उसे आसानीसे सीख सकते हैं, क्योंकि वहाँ आपकी सहायता करनेवाले बहुत से लोग मिल जायेंगे।

हृदयसे आपका,

बाबू समन्दलाल
मार्फत–श्रीयुत एम॰ जी॰ कर्णीकर
९०, इमली बाजार, इंदौर (होलकर राज्य)

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३४६१) की माइक्रोफिल्मसे।

 

३६. पत्र : एम॰ एम॰ असलम खाँको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
६ जुलाई, १९२८

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। आपको कुछ नहीं भेज पा रहा हूँ, उसके लिए क्षमा करेंगे। पत्रिकाको जाने बिना उसके लिए कुछ भी तैयार करना, वह चीज चाहे जितनी छोटी हो, मेरे लिए बहुत मुश्किल है।

हृदयसे आपका,

एम॰ एम॰ असलम खाँ
सूफी मंजिल
पिंडी बहाउद्दीन
पंजाब

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३४६२) की माइक्रोफिल्मसे।