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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


उसमें स्वार्थकी वृत्तिका मिश्रण क्यों होने दिया जाये? मगर इस बारेमें मुझे ज्यादा बहस नहीं करनी चाहिए।

आपकी इच्छानुसार मैं बक्सको फिरसे डाक द्वारा भेज रहा हूँ।

हृदयसे आपका

 
कुमारी बी॰ एम॰ ट्वीडल
वेसलेयन मिशन विलेज इंडस्ट्री
त्रिवल्लूर
चिंगलपेट जिला, दक्षिण भारत

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३४७२) को माइक्रोफिल्म से।

 

५२. पत्र : गोवर्धनभाई आई॰ पटेलको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
११ जुलाई, १९२८

प्रिय गोवर्धनभाई,

पत्रके[१] लिए धन्यवाद। समितिके निर्णय के बारेमें जानकर दुःख हुआ।[२]

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १३४७५) की माइक्रोफिल्म से।


 

  1. गांधीजीके १ जुलाईके पत्रके उत्तरमें लिखा ७ जुलाईका पत्र, जिसमें गोवर्धनभाईने लिखा था: "अभी हाल में जिन विषयपर आपके साथ मेरा पत्रव्यवहार हुआ था वह [अहमदाबादकी मिलोंके] तिलक स्वराज्य कोष में चन्दा देनेवालोंकी एक बैठक में विचारार्थ पेश किया गया। ...बैठकने निरीक्षण समिति नियुक्त करनेके प्रस्तावको अस्वीकार कर दिया और संयुक्त व्यवस्थाके निमित्त एक समिति नियुक्त करनेके उसी प्रस्तावकी पुनः पुष्टि की, जिसका उल्लेख मैंने आपको लिखे. २६ जून, १९२८ के पत्र में किया था।..."
  2. शंकरलाल बंकरको इसकी एक नकल सूचनार्थ भो भेजी गई थी।