पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 37.pdf/८८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

६५. पत्र: डब्ल्यू॰ कोल्डस्ट्रीमको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
१३ जुलाई, १९२८

प्रिय मित्र,

आपके स्नेहपूर्ण निमन्त्रणके लिए धन्यवाद। यदि अगले वर्ष यूरोप आनेकी मेरी इच्छा पूरी हुई तो हम कहीं-न-कहीं अवश्य मिलेंगे और वह मेरे लिए प्रसन्नताकी बात होगी। लेकिन आपका आतिथ्य स्वीकार कर पाऊँगा या नहीं, इस समय यह कह सकना तो मेरे लिए बहुत मुश्किल है। सम्भावना ऐसी है कि मेरा कार्यक्रम निश्चित करनेमें केवल मेरी ही नहीं चलेगी।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत डब्ल्यू॰ कोल्डस्ट्रीम
६९, वेस्ट क्रामवेल रोड, लन्दन, एस॰ डब्ल्यू॰ ५

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १४३५०) की फोटो-नकलसे ।

 

६६. पत्र : श्रीमती केमबसको

सत्याग्रहाश्रम, साबरमती
१३ जुलाई, १९२८

प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। श्रीमती अनसूयाबाईने[१] मुझे आपके बारेमें सब कुछ बता दिया है। आपको यहाँ आनेकी सलाह देना सम्भव नहीं है। बहरहाल, मैं तो यही चाहूँगा कि यदि आप यहाँ आयें ही तो आजमाइशी तौर पर और सो भी तभी जब आपके पास इतने साधन हों कि यदि यहाँकी आबोहवा आपको अनुकूल न पड़े तो आप फिर वापस जा सकें। यों तो मेरा ख्याल यह है कि आपका अपने स्थानमें बने रहकर प्राप्त सेवाधर्ममें लगे रहना अधिक अच्छा होगा।

हृदयसे आपका,

श्रीमती केमबस[१]
३४ डी॰ क्रेसपीनी पार्क
लन्दन, एस॰ ई॰ ५

अंग्रेजी (एस॰ एन॰ १४३५१) की फोटो-नकलसे।

 

  1. १.० १.१ अध्यापिका और सामाजिक कार्यकर्त्री।