प्रस्तावित स्थानको ब्रिक्स्टनसे पूरी तरह अलग रखनेके लिए यह प्रस्ताव है कि,
स्थानका नक्शा इस तरहका बनाया जाये कि एशियाई बाजार और ब्रिक्स्टनके बीचकी पश्चिमी सीमापर लगभग दो सौ फुट चौड़ी जगह साफ तौरपर छूटी रहे। … और पश्चिमी तथा उत्तरी सीमाओंपर बस्तीके निवासियोंको सीधे ब्रिक्स्टन पहुँचनेसे रोकने के लिए एक अलंध्य बाड़ खड़ी कर दी जाये।
लोक-स्वास्थ्य समिति यह और कह सकती थी कि वह स्थान जिसकी अब वह सिफारिश कर रही है, वही है जिसके बारेमें युद्धसे पहले ब्रिटिश सरकारने बहुत जोरदार विरोध प्रकट किया था, जिसके खिलाफ तत्कालीन उप राजप्रतिनिधि श्री एमरिस इवान्सने तीव्र निन्दायुक्त प्रतिवेदन लिखा था और जिसे अन्तमें पिछली सरकारने भी अस्वीकार कर दिया था। क्या अब उस स्थानमें इतना अद्भुत सुधार हो गया है? अथवा चौक बाजार और इस स्थानके बीचका फासला इन तीन वर्षों में इतना घट गया है कि ब्रिटिश राज्यमें अब वह उपयुक्त बन गया? १८९९ में डाकघरसे यह फासला 4¾ मील था।
इंडियन ओपिनियन, ३-३-१९०४
१११. मलायी बस्ती
जोहानिसबर्गकी मलायी बस्तीके बारेमें जोहानिसबर्गकी नगर-परिषदकी सामान्य उद्देश्यसमितिकी सिफारिश निम्नलिखित है:
इस सिफारिशमें जिस जमीनका उल्लेख है उसका कुल क्षेत्रफल १८,८८५ एकड़ होता है। आयोगको सिफारिश है कि यह जमीन, केवल दक्षिणके तिकोने भागको ४१ एकड़ भूमिको छोड़कर, जिसका अधिकांश इस समय मलायी बस्तीके कब्जमें है, परिषदके अधिकारमें होनी चाहिए। इस भू-भागके विषयमें आयोग सिफारिश करता है कि यह सरकारको सम्पत्ति रहे और रेलवेकी भावी आवश्यकताओंके लिए सुरक्षित रखा जाये। ज्ञात हुआ है, आयोगका सुझाव यह है कि जबतक रेलवेको जरूरत न हो तबतक यह जमीन परिषदके नियन्त्रणमें रहे और वही इसका इस्तेमाल करे। लोक-स्वास्थ्य समितिने आयोगकी सिफारिश मान ली है। परन्तु उसने अपनी ओरसे यह सिफारिश की है कि, उसमें एक शर्त डालकर साफ कर दिया जाये कि जिन मलायी लोगोंके अधिकारमें इस समय यह जमीन है उन्हें परिषद जब भी हटाना जरूरी या वांछनीय समझे तब उन्हें हटाने और मुआवजा देनेका खर्च रेलवे-प्रशासन या सरकारको उठाना चाहिए। और यह भी कि, जबतक मलायी लोगोंका कब्जा रहे तबतक मलायी बस्तीके सम्बन्धमें सफाईकी या दूसरी आवश्यकताओंकी पूर्ति के लिए परिषदको कोई इमारतें खड़ी करनेकी जरूरत मालूम हो, तो उन इमारतोंका मुआवजा परिषदको दिया जाये।
इसलिए इस स्थानके निवासियोंको अपने हितोंकी रक्षा करनेके सम्बन्धमें बहुत सावधान रहना पड़ेगा। सफाईकी दृष्टिसे इस स्थानके विरुद्ध किसीने कभी कानाफूसी भी नहीं की है। वहाँके निवासी बहुत साफ-सुथरे ढंगसे रहते हैं। उन्होंने खासे अच्छे मकान बनाये हैं। उनमें