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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 4.pdf/२०४

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

यूरोपीय गृहस्थोंके लिए उनकी जरूरत है। जब सरकारसे अपील की गई तब उसने कहा कि इस मामलेमें कोई सहायता देनेकी सत्ता उसके पास नहीं है। हाइडेलबर्ग में नगरपालिकाने मसजिदमें नमाजकी मनाही करके बहुत ही खतरनाक रवैया इख्तियार किया था। खुशीकी बात यह है कि अब उसकी अक्ल ठिकाने आ गई है और उसने बड़ी कठिनाईके बाद अब मनाही वापस ले ली है। परन्तु इन उदाहरणोंसे ट्रान्सवालकी भारतीय आबादीके कष्टोंकी कुछ कल्पना हो सकती है। सिर्फ जोहानिसबर्ग और प्रिटोरियामें ही अधिकारी कुछ विवेकशील और विचारवान रहे हैं।

जोहानिसबर्ग में पृथक वस्तीकी सारी आबादी अब क्लिपस्प्रूटमें हटा दी गई है। वह जोहानिसबर्गसे १२ मीलसे भी ज्यादा दूर है। स्वास्थ्य की दृष्टिसे स्थान मोहक है, और तम्बुओं में रहने से लोगों को फायदा भी बहुत होगा। सारा शिविर श्री टॉमलिन्सनकी देखरेख में है। श्री बर्जेस उनके सहायक हैं और लोगोंको नगरपालिकाके खर्चसे भोजन दिया जाता है। जो भोजन- सामग्री दी जाती है उसकी मात्रा निम्नलिखित है। कुछ चीजोंको छोड़कर इसे काफी ठीक समझा जा सकता है :

१ डबल रोटी या १ पौंड आटा
¾ पौंड चावल
½ पौंड मांस या मछली, दालके साथ
३ पेन्सकी तरकारी दालके साथ (अन्नाहारियोंके लिए)
¹½ पेन्सकी तरकारी (मांसाहारियोंके लिए)
१ डिब्बा दूध, प्रति बालिग, प्रति पखवारा
½ औंस चाय या काफी
३ औंस दाल
३ औंस घी या सरसोंका तेल
१ औंस नमक रोज
१ औंस चीनी
१ औंस मसाला
½ औंस इमली
¼ औंस मिर्च
६ पौंड लकड़ी और कोयला
१ मोमबत्ती, फी तम्बू, रोज
१ पट्टी साबुन, फी तम्बू, रोज
२ डिब्बियाँ दियासलाई, फी तम्बू, फी सप्ताह

शिविर में सोलह सौ भारतीय रह रहे हैं, जिनमें स्त्रियाँ और बच्चे भी शामिल हैं। एक मील दूर काफिरोंका शिविर है। यह ध्यान देने लायक है कि जब लोगोंको बस्तीसे हटाया गया उस समय वहाँ नियमोंके विरुद्ध लगभग डेढ़ हजार काफिर पाये गये और वे सब नगर-पालिकाके किरायेदार थे। इस तरह लोगोंको अचानक हटानेसे हजारों पौंडका नुकसान हुआ है। इसमें अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि सभी लोग रोजाना मजदूरी कमानेवाले श्रमिक हरगिज नहीं हैं। खासी हैसियतके लगभग बीस दूकानदार हैं और धोबियोंकी दूकानें भी हैं, जिनके ग्राहकोंकी संख्या बहुत बड़ी है। प्लेग समितिने प्लेग फैलनेके समय सात सौ पौंड धुलाईके कपड़े बस्ती से बाहर निकाल कर साफ—छूत-रहित—किये थे और ग्राहकोंको पहुँचाये थे। दूकान