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१३२. ऑरेंज रिवर उपनिवेश और प्लेग

यह उपनिवेश अगर एशियाइयोंके प्रति घृणासे लबालब नहीं, तो कुछ नहीं है। २५ मार्चके गवर्नमेंट गज़टमें ये दो विनियम छपे हैं:

(१) इन विनियमों की तारीखसे और उसके बाद किसी एशियाईके लिए उस वक्ततक ट्रान्सवालसे आकर इस उपनिवेशमें प्रवेश करना जायज नहीं होगा, जबतक ये विनियम लागू रहेंगे। कोई एशियाई इन विनियमोंका उल्लंघन करेगा तो, अपराध साबित होनेपर, उसपर जुर्माना किया जा सकेगा, जो ५ पौंडसे अधिक नहीं होगा; या, जुर्माना अदा न करनेपर उसे कैदकी सजा दी जा सकेगी, जो एक माससे अधिक नहीं होगी; और इस प्रकार दण्डित व्यक्ति उक्त जुर्माना देने या अपनी कैद पूरी करनेपर तुरन्त इस उपनिवेशकी सीमाओंके परे निर्वासित कर दिया जायेगा।

(२) प्रत्येक रंगदार व्यक्तिकी, जो रेलसे या और किसी तरह इस उपनिवेशमें प्रवेश करेगा, परीक्षा ली जायेगी; और अगर किसी बाकायदा योग्यताप्राप्त डॉक्टरकी रायमें उस पुरुष या स्त्रीमें प्लेगके कोई वास्तविक या सन्दिग्ध लक्षण प्रकट होंगे अथवा वह प्लेगके वास्तविक अथवा सन्दिग्ध रोगोके सम्पर्क में रहा होगा, तो उसे रोक लिया जायेगा और तबतक एक शिविरमें अलग रखा जायेगा जबतक स्वास्थ्य अधिकारी यह राय नहीं देगा कि उसे सफर करने देनेमें खतरा नहीं है।

इस प्रकार, एशियाईके अलावा और कोई भी रंगदार व्यक्ति तो प्रतिबन्धोंके अधीन उप-निवेशमें प्रवेश कर सकता है, परन्तु एशियाई, भले ही वह कोई भी हो, जबतक प्लेगका आतंक मौजूद है तबतक ऑरेंज रिवर उपनिवेशकी पवित्र भूमिपर पैर नहीं रख सकेगा; अगर रखेगा तो उसे जुर्मानेकी सजा दी जायेगी। और जुर्माना अदा कर देने या सजा भुगत लेनेके बाद भी उसे " तुरन्त इस उपनिवेशकी सीमाके परे निर्वासित कर दिया जायेगा"। हम लड़ाईका मौका याद रखेंगे और उसे बराबर याद किये बिना नहीं रह सकते। उस समय क्वीन्सटाउनमें सेना के साथ जो लोग भारतसे आये थे उनमेंसे एकको दरअसल प्लेग हो गया था। इससे आम लोगोंमें थोड़ी बेचैनी फैली; मगर हमें मालूम है कि ब्रिटिश भारतीय सईसों, भिश्तियों और डोलीवाहकों के प्रवेशपर न तो ऑरेंज रिवर उपनिवेश कोई रोक लगाने को तैयार था और न दक्षिण आफ़्रीका कोई अन्य भाग ही । सच तो यह है कि प्लेग फैल जानेपर भी, जितनी जल्दी सवारीका बन्दोबस्त हो सका, इन अनुचरोंको दक्षिण आफ्रिकाके सब हिस्सों में भेज दिया गया। लेकिन अब समय बदल गया है। अब उपनिवेशियोंकी जरूरतोंके लिए भारतीयोंकी आवश्यकता नहीं रही और इसलिए उन्हें अनिश्चित कालतक बाहर रखा जा सकता है। वे ऑरेंज रिवर उपनिवेशमें आना चाहते हैं या नहीं, यह बहुत छोटी बात है और सत्ताधारियोंका इससे कोई सरोकार नहीं।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १६-४-१९०४]