१४६. ईस्ट लन्दनके ब्रिटिश भारतीय
अन्यत्र हम इसी मासकी २ तारीखके ईस्ट लन्दन डेली डिस्पैचका एक अग्रलेख उद्धृत कर रहे हैं। उसका विषय वह प्रश्नोत्तर है जो श्री लिटिलटन और सर मंचरजीके बीच हुआ है। यह प्रश्नोत्तर उन सूचनाओंके बारेमें था जो ईस्ट लन्दन नगरमें रहनेवाले अनेक ब्रिटिश भारतीयोंको दी गई थीं और जिनमें उन्हें एक निश्चित समयके भीतर पृथक् बस्तीमें जाकर बसनेका आदेश दिया गया था। हमारा सहयोगी ईस्ट लन्दन नगरपालिकाकी कार्रवाईको दी गई प्रसिद्धिको नापसन्द करते हुए इस गलत परिणामपर पहुँचा है कि सर मंचरजी उग्रदलके व्यक्ति हैं। क्या हम अपने सहयोगीको याद दिलायें कि सर मंचरजी कट्टरसे-कट्टर विचारोंके हैं और वे तबतक किसी मामलेमें हाथ नहीं डालते, जबतक उन्हें उसके न्यायपूर्ण होनेका यकीन नहीं हो जाता। स्वभावतः ही वे बहुत अच्छे कारणके बिना अपने ही दलकी सरकारको किसी परेशानी में डालना पसन्द नहीं करेंगे। अग्रलेखको ध्यानसे पढ़नेके बाद हम स्वीकार करते हैं कि हमें सर मंचरजीके बताये हुए हालातमें और ईस्ट लन्दनकी वास्तविक स्थितिमें कोई फर्क दिखाई नहीं देता। हम कहना चाहते हैं कि सहयोगी यह कहने में सत्यको घटाकर बताता है और नगरपालिका तथा भारतीयों—दोनोंके साथ बराबर अन्याय करता है कि, पालिकाने भारतीयों [ की स्थितिका मुकाबला करनेके लिए वतनी बस्तियोंसे अलग जनवास (बोर्डिंग हाउस) बनाये और नियमोंके अनुसार उन] से वहाँ जाकर रहनेका अनुरोध किया है।[१] या, कमसे कम, उसने नगरके आसपास रहनेवाले भारतीयोंको सूचना दे दी है कि वे वहाँ से चले जायें।" इससे पाठकके मनपर यह असर पड़ता है मानो कोई जबरदस्ती नहीं की जायेगी। परन्तु भारतीयोंके नाम जारी की गई सूचनाकी इबारत यह है:
सूचना दी जाती है कि सफाई-अफसरने मालूम किया है, आप उपर्युक्त मकानमें, जो नगरकी सीमाके भीतर है और जहाँ एशियाई लोग नहीं रह सकते, रहकर संशोधित नियम नं० ३२, अध्याय १८ (ईस्ट लन्दन डेली डिस्पैच, २९ अगस्त १९०३ में प्रकाशित नगर-निगम की १९०३ की सूचना नं० ३ और उल्लिखित नियम) का उल्लंघन कर रहे हैं। परिषद इस सूचना द्वारा ताकीद करती है कि आप इस सूचनाके मिलनेसे १४ दिनके भीतर उपर्युक्त नियमकी शर्तोंके मुताबिक अमल करें और इसके लिए ऊपर बताया हुआ मकान खाली कर दें और एशियाइयोंके शिविरमें जाकर रहें।
शिविर-अधीक्षक यह सूचना दिखानेपर आपको रहनेके लिए उपयुक्त स्थान दे देंगे। और यह भी कि, इस आज्ञाका पालन न करने पर मुकदमा चलाया जायेगा।
ईस्ट लन्दन, तारीख १२ अप्रैल १९०४ ।
आर० ई० डाउडिंग
टाउन क्लार्क
टॉमस बीथम
सफाई निरीक्षक
- ↑ १. उद्धरणका यह भाग अपूर्ण है। कोष्ठकके शब्दोंसे उसकी पूर्ति होती है। देखिए "ईस्ट लंदन ऐंड एशियाटिक्स", इंडियन ओपिनियन, १४-५-१९०४ ।