पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 4.pdf/२३४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

१५१. नेटालके प्लेग-नियम

नेटालके इस महीनेकी १० तारीखके गवर्नमेंट गज़टमें प्रकाशित प्लेग-नियमोंसे भारतीयोंके बारेमें अकारण भय प्रकट होता है कि वे ट्रान्सवालसे प्लेग ले आयेंगे। ट्रान्सवालसे आनेवाले वतनियों, भारतीयों और दूसरे रंगदार व्यक्तियोंको वे उपनिवेशके सिर्फ एक स्थान——चार्ल्स-टाउनमें आने देते हैं। चार्ल्सटाउनसे आगे वे तबतक नहीं बढ़ सकते, जबतक उनके पास ट्रान्स-वाल सरकारका दिया हुआ यात्राका परवाना न हो, और यह परवाना तबतक नहीं दिया जाता जबतक कड़ी डाक्टरी जांच न हो जाये और जबतक वे चार्ल्सटाउनके स्वास्थ्य अधिकारीसे यात्रा आगे जारी रखनेका अधिकार देनेवाला परवाना प्राप्त न कर लें। ट्रान्सवालके अधिकारियोंकी कार्रवाईपर यह दोहरी सावधानी या अविश्वास क्यों होना चाहिए, सो स्पष्ट नहीं है। और यह देखते हुए कि इतना अविश्वास है, ट्रान्सवालका प्रमाणपत्र पेश करनेकी जरूरत ही क्यों होनी चाहिए? साथ ही, जो लोग विटवाटर्सरैंड जिलेसे आते हैं, उनके पास ट्रान्सवालका परवाना हो या न हो, वे पाँच दिनके लिए चार्ल्सटाउनमें रोक रखे जाते हैं। उपनिवेशमें रोगके अभि-शापका प्रवेश रोकने के काममें हम सरकारके प्रयत्नोंकी कद्र करने और उसके साथ सहयोग करनेके लिए सदा तैयार हैं; परन्तु हमारा खयाल है कि उपर्युक्त नियम बड़े कष्टप्रद हैं और उचित नहीं हैं। वर्षके इस समय में चार्ल्सटाउनमें रोक रखा जाना बहुत ही तकलीफ देनेवाली बात है और रेलगाड़ीमें ही सब यात्रियोंकी अथवा केवल रंगदार मुसाफिरोंकी ही डाक्टरी जाँच काफी होनी चाहिए। अगर ऐसी जांच में किसी व्यक्तिमें रोगके कोई लक्षण पाये जायें, तो उसे अलग करके सूतकमें रखा जाना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि उसे चार्ल्सटाउनमें ही रखा जाये; बल्कि डर्बन या ऐसे ही किसी अन्य स्थानमें रखा जा सकता है। निश्चय ही, किसी ऐसे सन्दिग्ध व्यक्तिके प्रवेशसे तो, जो डाक्टरी निरीक्षण-परीक्षण में रखा जाता है, उपनिवेशमें प्लेग नहीं आ सकता। परन्तु सरकारको धन्यवाद है कि चार्ल्सटाउनके स्वास्थ्य अधिकारीको उसने यह अधिकार दे दिया है कि वह उपर्युक्त जाब्तोंसे गुजरे बिना भी किसी पहले या दूसरे दर्जे के रंगदार मुसाफिरको अपने नियत स्थानपर जानेकी इजाजत दे दे; और यद्यपि, जैसा हमने दिखाया है, नियम बड़े असुविधाजनक हैं, फिर भी इस प्रकार दिये गये अधिकारके उदारतापूर्ण प्रयोगसे नियमोंका शांतिके साथ निर्वाह हो सकता है। अन्तमें तो, नियम बहुत कष्टप्रद साबित होते हैं या नहीं, यह बहुत कुछ चार्ल्सटाउनसे सम्बन्धित स्वास्थ्य अधिकारी और उसके मातहतोंके स्वभाव पर निर्भर रहेगा।

[ अंग्रेजीसे ]

इंडियन ओपिनियन, २१-५-१९०४