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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 4.pdf/२६८

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सम्पूर्ण गांधी वाङमय


सकता है कि जो व्यक्ति साधारण न्यायाधीश या शान्ति-रक्षक न्यायाधीश (जस्टिस ऑफ दि पीस) के सामने अपने अँगूठेकी निशानी लगाये वह वही व्यक्ति न हो जिसपर कर्जका दावा करनेका मंशा हो। यदि न्यायाधीश या शान्ति-रक्षक न्यायाधीशके सामने दस्तावेजपर हस्ताक्षर किये जायेंगे तो उनका महत्त्व बहुत बढ़ जायेगा; और यदि एक व्यक्तिने अपनेको दूसरा व्यक्ति बताकर धोखा दिया तो इस धोखेबाजीको साबित करना बहुत कठिन होगा। किसी न्यायाधीश या शान्ति-रक्षक न्यायाधीशसे हमेशा यह जांच करनेकी आशा रखना उचित नहीं होगा कि उसके सामने ऋणपत्र पर हस्ताक्षर करनेके लिए उपस्थित लोगोंकी शिनाख्त सही है या गलत। इसलिए हमें आशा है कि सरकार कृपा करके अपने विधेयकमें हमारा सुझाव शामिल कर लेगी और उसे पूर्ण और वास्तविक अर्थमें कारगर बनायेगी।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २-७-१९०४


१८०. ट्रान्सवालकी पैदल-पटरियाँ

बॉक्सबर्ग नगर परिषदने ट्रान्सवालकी नगर परिषदों और नगरपालिकाओंको नीचे लिखा परिपत्र भेजा है:

सज्जनो,

निःसन्देह आप पूरी तरह जानते हैं कि 'यातायात सम्बन्धी उपनियमों' में एक उपधारा है, जिसमें यह व्यवस्था है कि कोई वतनी तबतक पैदल पटरीपर नहीं चलेगा जबतक कि वह किसी सड़कको पार न कर रहा हो, या किसी निजी जायदादमें प्रवेश न कर रहा हो। देखिए उपधारा १९, अध्याय २।

आप देखेंगे कि इस उपनियम-संहिताकी २० वीं उपधारा में 'व्याख्याओं' के अन्तर्गत 'वतनी' शब्दका अर्थ है, कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसके माता-पिता किसी आफ्रिकी आदिम जाति या उपजातिके हों। मुझे इस पत्रके द्वारा यह बतानेका आदेश हुआ है कि मेरी परिषद चाहती है, मौजूदा कानूनके ऐसे ढंगसे संशोधित कराने में, कि उसमें सब रंगदार कौमें बिना किसी भेदके शामिल हो जायें, विभिन्न नगर परिषदों और शहरी जिला-निकायोंसे सहयोग और सहायता की याचना की जाये।

मेरी परिषदका कहना यह है कि सार्वजनिक पैदल-पटरियोंपर दूसरी रंगदार जातियोंकी उपस्थिति भी उतनी ही आपत्तिजनक है जितनी इस देशकी आदिम जातियों की; और (जहाँतक इस परिषदका सम्बन्ध है), उसने कानूनको संशोधित और सब रंग-दार जातियोंपर लागू करवानेकी दृष्टिसे स्थानीय सरकारके सहायक उपनिवेश-सचिवको 'यातायात उपनियमों' में शामिल करनेके निमित्त निम्न संशोधन भेजा है: ‘किसी सड़कको पैदल-पटरियों या किसी मकानके सामने या बगलमें बने चबूतरेपर, जो पैदल पटरीका काम देता हो, तमाम रंगदार लोगोंका चलना वर्जित है।’ और कहा गया है कि दूसरी नगरपालिकाओं को भी उस विशेषाधिकारका उपभोग करनेकी सुविधा हो जो जोहानिसबर्ग नगरपालिकाको है।