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पत्र: गो० कृ० गोखलेको

था। फिर भी उनमें से किसीने केवल निर्वाह खर्च लेकर, कार्यकर्ताकी तरह सामने आनेमें तनिक-सा भी आगा-पीछा नहीं किया—जिसका अर्थ यह है कि सुदूर भविष्य में लाभ होनेकी आशासे तीन पौंड प्रतिमास उन्होंने अभी लेना स्वीकार किया है।

यदि मुझे आमदनी होती रही तो मेरा यह भी इरादा है कि एक ऐसी पाठशाला खोलू जो दक्षिण आफ्रिकामें किसीसे कम न हो और जो मुख्यतया भारतीय बच्चोंके, और फिर दूसरे बच्चोंके, शिक्षण के लिए हो। ये सब बच्चे पाठशालाके अहाते में बने छात्रावास में रहेंगे। इसके लिए भी स्वेच्छासे सामने आनेवाले दो कार्यकर्ताओंकी जरूरत है। यहाँ एक अथवा दो अंग्रेज पुरुषों और स्त्रियोंको इस काम में अपना जीवन लगानेको प्रेरित किया जा सकेगा। किन्तु भारतीय शिक्षकोंकी आवश्यकता अनिवार्य है। क्या आप ऐसे किन्हीं दो स्नातकोंको प्रेरित कर सकेंगे, जिनमें पढ़ाने की योग्यता हो, जिनका चरित्र निष्कलंक हो और जो केवल निर्वाह खर्चपर काम करने को तैयार हो जायें? जो आना चाहें वे पहले दर्जेके जाँचे-परखे व्यक्ति होने चाहिए। मुझे कमसे कम दो या तीन व्यक्ति चाहिए। किन्तु ज्यादाकी गुंजाइश भी निकाली जा सकती है। जब पाठशाला चलने लगेगी तब स्वच्छता के आधारपर खुलेमें चिकित्साके लिए एक आरोग्य- सदन जोड़नेका इरादा है। किन्तु मेरा तात्कालिक उद्देश्य इंडियन ओपिनियनको लेकर है। मैंने उसके बारेमें जो कहा है यदि आप उस सबको ठीक समझें तो कृपया सम्पादकके नाम प्रकाशन के लिए एक उत्साहवर्धक पत्र भेजें और यदि कुछ समय निकाल सकें तो उसके लिए कभी-कभी, छोटा ही सही, लेख भेजते रहें। मैं ऐसे अवैतनिक अथवा वैतनिक संवाददाताओंके लिए भी चितित हूँ जो अंग्रेजी, गुजराती, हिन्दी और तमिल में साप्ताहिक टिप्पणियाँ दें। यदि यह महँगा हो जाता है तो मुझे कदाचित् केवल अंग्रेजी टिप्पणियोंसे संतुष्ट होना पड़े—उनका अनुवाद तीनों भारतीय भाषाओं में किया जा सकेगा। क्या आप ऐसा या ऐसे कोई संवाददाता सुझा सकेंगे? भारतीय प्रश्नको लेकर आपकी तरफ क्या कुछ किया जा रहा है—साप्ताहिक टिप्पणियों में, समाचार-पत्रोंसे तत्सम्बन्धी विज्ञप्तियोंके अंश लेकर, इसका अंदाज देना चाहिए और उनमें ऐसी बातें होनी चाहिए, जो दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंको दिलचस्प लग सकें। पत्र में लिखे गये विषयके हित में यदि आवश्यक जान पड़े तो आप अपनी मर्जीके मुताबिक पत्रकी बातें पूरी या अंशतः जाहिर कर सकते हैं। मैं आशा करता हूँ कि आप स्वस्थ होंगे।

आपका विश्वस्त,
मो० क० गांधी

१ संलग्न[१]

दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४१०४) से।

  1. यह उपलब्ध नहीं है।