२८६. प्लेग और शराब
पंजाब सरकारकी शराब-सम्बन्धी रिपोर्ट में बताया गया है कि पंजाबमें प्लेगके डरसे लोग बहुत शराब पीने लगे हैं - और आबकारी-करमें बहुत बड़ी वृद्धि हो गई है। उसमें यह भी बताया गया है कि शराब पीनेसे प्लेग नहीं होता, यह मानकर जिन-जिन गाँवोंमें लोग शराब पीने लगे हैं उन उन गाँवोंमें प्लेग और भी अधिक जोरसे फैला है तथा मनुष्योंकी बरवादी अधिक हुई है । किन्तु जिन गाँवोंमें लोग शराब पीते ही नहीं हैं, उन गाँवों में प्लेगसे बहुत कम हानि हुई है । इस रिपोर्ट से यह तो साबित नहीं होता कि शराब पीनेवालोंको प्लेग नहीं होता, परन्तु यह तो साफ-साफ साबित होता है कि शराब पीनेसे पूरा-पूरा नुकसान होता है । जोहानिसबर्ग में डॉ० मेलिसका, जो प्लेगके अस्पतालके मुख्य अधिकारी थे, विचार भी यही है कि शराब पीने से प्लेगका जोर बढ़ता है, घटता नहीं ।
[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, १४-१-१९०५
२८७. जोहानिसबर्ग में प्लेग[१]
जोहानिसबर्ग
जनवरी १६, १९०५
मालूम होता है, जोहानिसबर्ग में प्लेग भड़क उठा है। एक फेरीवाले मुसलमानके बेटेको कुछ दिन पहले सोवर स्ट्रीटमें बीमारी हो गई थी । शनिवारको उसके डॉक्टरने अधिकारियोंको सूचना दी। रविवारको उसे प्लेग के अस्पतालमें ले गये और वह जवान आज गुजर गया और दफना दिया गया। उसके शबकी धार्मिक रीतिसे किया करनेका मौका नहीं आया, क्योंकि वह दफन कर दिया गया था; वरना अधिकारी लोग उसे खुशीसे दे देते ।
यह घटा हमपर दुबारा घुमड़ आई है । इसलिए हमारे सब भाई नीचेके नियम याद रखेंगे तो बड़ा लाभ होगा। नहीं तो बहुत बड़ा नुकसान होगा। इतना ही नहीं, बल्कि हमारे खिलाफ अधिक कड़े कानून बनाने में यह घटना बतौर दलीलके पेश की जायेगी ।
१. किसी को यह न समझना चाहिए कि सरकार रोगीको अस्पतालमें ले जाकर दुःख देगी ।
२. बुखार या दमेकी बीमारी अकस्मात् हो जाये तो तुरन्त सरकारको खबर दी जाये ।
३. डॉक्टरकी सलाह तुरन्त ली जाये ।
४. कोई भी भागे नहीं; और जहाँ है वहाँ बना रहे ।
५. जो व्यक्ति प्लेगके रोगीके संसर्ग में आये हों वे छिपे नहीं, बल्कि प्रकट हो जायें और अपने कपड़े आदि सफाईके लिए दे दें ।
६. अपने पैसे बचानेकी नीयतसे सोनेकी कोठरी दूकानसे सटी हुई कदापि न रखें ।
- ↑ यह "हमारे संवाददाता द्वारा प्रेषित " रूपमें प्रकाशित किया गया था ।