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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

७. दुकानका माल घरमें जरा भी न रखें।

८. घरको बहुत ही साफ रखें ।

९. प्रत्येक घरमें या कोठरीमें खुले उजालेका और हवाका आवागमन होना चाहिए ।

१०. खिड़कियाँ खुली रखकर सोयें ।

११. पहनने और सोनेके कपड़े साफ रखे जायें।

१२. आहार हलका और सादा हो ।

१३. दावतें बन्द रखनी चाहिए ।

१४. पाखाने में जहाँ बालटियाँ रखी जाती हों वहाँपर सदैव सूखी मिट्टी और राख रखी जाये और प्रत्येक व्यक्ति शौचके बाद उसमें से मिट्टी या राख लेकर अच्छी तरहसे मैलेपर डाले ताकि वह ढक जाये और उस पर मक्खी आदि न बैठें।

१५. पाखाने और पेशाबकी जगह बहुत साफ-सुथरी रखी जानी चाहिए।

१६. घरके फर्श और अन्य भागोंको कीटाणुनाशक घोल मिलाकर गरम पानीसे खूब धोया जाये ।

१७. जहाँ प्लेगका रोग हुआ हो वहाँका कोई सामान ठीक-ठीक साफ किये बिना अन्यत्र उपयोगमें न लाया जाये ।

१८. एक साधारण कोठरीमें दोसे अधिक व्यक्ति न सोयें ।

१९. रसोई बनानेकी या भोजन करनेकी जगहों में और जहाँ खानेकी चीजें रहती हों वहाँ बिलकुल न सोना चाहिए।

२०. घरमें चूहे न आ सकें इस तरह घरमें या दीवारोंमें सीमेंट आदि लगायें । विशेषत: यह सावधानी रखी जाये कि चूहे खानेकी वस्तुओंतक न पहुँचें ।

२१. जिनको हमेशा दिन-भर घरमें बैठकर काम करना पड़ता हो उनको स्वच्छ वायुमें जाकर दो-तीन मीलतक चलनेका व्यायाम करना चाहिए।

[ गुजरातीसे ]
इंडियन ओपिनियन, २१-१-१९०५