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३१८. पत्र: उपनिवेश-सचिवको
ब्रिटिश भारतीय संघ

बॉक्स ६५२२
जोहानिसबर्ग
मार्च १४, १९०५

सेवामें
माननीय उपनिवेश-सचिव
प्रिटोरिया

महोदय,

मेरा संघ आपका ध्यान पॉचेफस्ट्रम बजटकी संलग्न कतरनों[१] की ओर सादर आकर्षित करता है। उनमें इसी ४ तारीखको शनिवारके दिन पाँचेफस्ट्रमके मार्केट स्क्वेयरमें भारतीय वस्तुभण्डारोंके सामने किये गये एशियाई-विरोधी प्रदर्शनका विवरण छपा है। पॉचेफस्ट्रमवासी ब्रिटिश भारतीयोंने मेरे संघको सूचना दी है कि प्रदर्शनकी कार्रवाई हिंसापूर्ण थी और उसमें ऐसे भाषण दिये गये जो लोगोंकी निकृष्टतम भावनाओंको उत्तेजित करें। भाषण समाप्त होनेपर शरारतके लिए आमादा लोग भारतीय वस्तु-भण्डारोंकी खिड़कियोंपर पत्थर फेंकने लगे। यदि पुलिस इस संकट कालके लिए इस प्रकार सक्षम रूपसे तैयार न होती तो हिंसा कितनी बढ़ जाती, यह कहना कठिन है। इसीलिए हानि खिड़कियोंके कांच तोड़े जाने तक ही सीमित रही। यह ध्यान देने योग्य है कि प्रदर्शनकारियोंका नेतृत्व नगरके कुछ प्रमुख व्यक्ति कर रहे थे, जैसे पॉचेफस्ट्रम व्यापार संघ के अध्यक्ष, नगर-परिषदके एक प्रमुख सदस्य और सरकारी तथा अर्धसरकारी पदोंपर नियुक्त अन्य लोग। नगरमें एक मसजिद बनाने का प्रस्ताव है। यह बात भारतीय समाजके विरुद्ध जनताके पूर्वग्रहको उत्तेजित करने के लिए उपयोग में लाई गई। लेकिन मेरे संघको सूचित किया गया है कि प्रस्तावित मसजिदका स्थान—

(क) नगरके केन्द्र में नहीं है;

(ख) मुख्य आवागमनके मार्गपर नहीं है; (ग) नये होटलसे, जिसपर कहा जाता है कि, ३०,००० पौंड खर्च हुए हैं, कुछ दूरीपर है; उससे संलग्न नहीं, जैसा कि बताया जाता है। (घ) वह स्थान एक पीछेकी गली में है और प्रस्तावित इमारतें पासकी किसी भी सड़कसे दिखाई नहीं देंगी। (ङ) उस स्थानके बिलकुल आसपासकी इमारतें केवल लकड़ी और लोहेकी बनी हैं और प्रस्तावित मसजिदकी इमारतोंसे उनकी बनावट बहुत घटिया दर्जेकी रहेगी।

इसलिए मेरा संघ सादर निवेदन करता है कि पॉचेफस्ट्रमके ब्रिटिश भारतीय लोग सरकारसे यह घोषणा करानेके अधिकारी हैं कि पॉचेफस्ट्रममें एशियाई-विरोधी आन्दोलन जिस ढंगसे चलाया जा रहा है वह उसको नामंजूर करती है; और साथ ही वे सरकारसे यह आश्वासन पानेके हक-

  1. ये उपलब्ध नहीं हैं।