पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 4.pdf/४६८

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४३४
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


यदि आप कृपाकर मुझे सूचित करेंगे कि क्या सरकारका इरादा इस विषयमें किसी प्रकारकी राहत देनेका है, तो मेरा संघ आपका बहुत आभारी होगा।

आपका आज्ञाकारी सेवक,
अब्दुल गनी
अध्यक्ष
ब्रिटिश भारतीय संघ

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, २२-४-१९०५

३४०. श्री बार्नेटका आरोप और श्री ऐंकेटिल

भूतपूर्व शिक्षा अधीक्षक (एजुकेशन सुपरिटेंडेंट) श्री बार्नेटने नेटालके कुछ गिरमिटिया भारतीयों के मालिकोंपर भारतीयोंकी झोंपड़ियोंकी हालतके सम्बन्धमें—जिन्हें उन्होंने "सूअरोंके बाड़े" कहा है।—आरोप लगाया था। इस आरोपके सम्बन्ध में उपनिवेश मन्त्रीसे सवाल पूछनेपर श्री ऐंकेटिल बधाईके पात्र हैं।

श्री मेडनने[१] उत्तर दिया है कि श्री बार्नेट द्वारा लगाया गया आरोप बहुत अतिरंजित है और भारतीय संरक्षक गिरमिटिया भारतीयोंकी सुख-सुविधाका प्रबन्ध करता है। श्री मेडनने इस आरोपपर संरक्षककी रिपोर्ट सदनके सामने पेश करनेका वादा किया। हम उपनिवेश मन्त्रीके उत्तरको प्रत्येक दृष्टिसे असन्तोषजनक मानते हैं। आरोप अत्यन्त गम्भीर है और भली-भाँति सोच-विचार कर ऐसे सुसंस्कृत लोगोंकी सभायें लगाया गया है, जिनकी उपनिवेशमें अत्यन्त उत्तरदायित्वपूर्ण स्थिति है। उस समय श्री बार्नेट नेटालमें शिक्षाके प्रश्नपर आम भाषण कर रहे थे, और उपर्युक्त आरोप उनके भाषणका कोई प्रसंगसे पृथक्कृत अंश नहीं है। भाषण नेटालमें प्रचलित शिक्षा प्रणालीपर एक गम्भीर आक्षेप है। ऐसे मामलेमें प्रवासी-संरक्षककी रिपोर्ट माँगना बहुत-कुछ वैसा ही है, जैसा कि किसी आदमीको अपने ही मामलेके निर्णयका काम सौंपना। हमारा दावा है कि श्री बार्नेटके आरोप में सारेके-सारे भारतीय प्रवासी-विभागकी निन्दा शामिल है। हम यह नहीं कहते कि श्री बार्नेटका कथन सही है, परन्तु यह जरूर कहते हैं कि जिस विभागकी निन्दा की गई है उसीसे उस निन्दाके प्रतिवादमें रिपोर्ट प्राप्त करना आरोपका उत्तर देनेका तरीका नहीं है।

यह प्रश्न केवल गिरमिटिया भारतीयोंके हितोंकी जानकारी प्राप्त करनेका नहीं है, बल्कि उपनिवेशकी नेकनामीका है। हम समझते हैं कि सरकारका प्रश्नकी तहतक छानवीन न करना और जनताको पूर्णरूपसे सन्तोष न देना बहुत ही अबुद्धिमत्तापूर्ण होगा। अगर स्वतंत्र जाँचके परिणामसे किसी तरह श्री बार्नेटके आरोपका समर्थन होता है तो जितनी जल्दी यह कलंक मिटाया जाये, उपनिवेशके लिए उतना ही अच्छा है; और अगर आरोप गलत सिद्ध होता है तो, श्री बार्नेटसे, भूतपूर्व सरकारी सेवकके नाते, कैफियत मांगी जाये। इसलिए हमें आशा है कि श्री ऐकेटिल तबतक उपनिवेश मन्त्रीसे प्रश्न करते रहेंगे जबतक कि आवश्यक कार्रवाई न की जाये।

  1. नेटालके उपनिवेश सचिव।