३७७. पत्र : उमर हाजी आमद झवेरीको
[जोहानिसबर्ग
मई १८, १९०५
बॉक्स ४४१
डर्बन
श्री सेठ हाजी उमर आमद,
आपका पत्र मिला। मैं, जितनी जल्दी बनेगा, वहाँ जाऊँगा। किन्तु लॉर्ड सेल्बोर्नको मानपत्र देनेकी बात है, इसलिए इस कामको निबटानेसे पहले रवाना होना कठिन है।
मैं पैसा न माँगता, किन्तु मेरी स्थिति ऐसी है कि इस समय खुद खर्च करके आना बहुत मुश्किल है। इसलिए अगर दादा सेठ थोड़ा-बहुत पैसा भेज दें तो अच्छा हो।
मो॰ क॰ गांधीके सलाम
- गांधीजीके स्वाक्षरोंमें गुजरातीसे; पत्र-पुस्तिका (१९०५), सं॰ ७५।
३७८. पत्र : एस॰ वी॰ पटेलको
[जोहानिसबर्ग
मई १९, १९०५
पो॰ ऑ॰ बॉक्स २०८
क्लार्क्सडॉर्प
प्रिय महोदय,
कदाचित् चिकित्सा शास्त्रकी श्रेष्ठ शिक्षा जर्मनी में मिल सकेगी, किन्तु उसके लिए जर्मन भाषाका ज्ञान आवश्यक होगा। सामान्यतः चिकित्साकी ग्लासगोसे प्राप्त उपाधि बहुत अच्छी मानी जाती है, और बम्बईसे चाहे जो उपाधि ली हो, पाठ्यक्रम प्रायः ५ सालका होता है। दक्षिण आफ्रिकाके किसी भी भाग में व्यवसायके लिए ग्लासगोकी उपाधि काफी मानी जायेगी। समाचारपत्र इंडियाका पता, ८४-८५, पैलेस चेम्बर्स, वेस्टमिन्स्टर, लन्दन है।
आपका विश्वासपात्र,
मो॰ क॰ गांधी
- [अंग्रेजीसे]
- पत्र-पुस्तिका (१९०५), सं॰ ९३।