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४०८. सैम्युअल स्मिथ और भारत

श्री सैम्युअल स्मिथ भारतके शुभचिन्तक हैं। वे ब्रिटिश संसदके सदस्य हैं, और पिछली कांग्रेसमें खास तौरपर गये थे। उन्होंने लन्दन टाइम्सको लिखते हुए निम्न सुझाव दिये हैं :

१. ब्रिटेनमें जो इंडिया कौंसिल है उसमें तीन दक्ष भारतीय शामिल किये जायें और उनकी नियुक्ति वाइसराय करें।
२. वाइसरायकी शासन-समितिमें कमसे कम एक भारतीय नियुक्त किया जाये।
३. ब्रिटिश संसदमें कलकत्ता, बम्बई और मद्रासकी ओरसे एक-एक सदस्य नियुक्त किया जाये और उन सदस्योंका चुनाव सम्बन्धित धारासभाएँ करें।

श्री सैम्युअल स्मिथका कहना है कि इस प्रकार सुधार किया जाये तो भारतीयोंको बहुत सन्तोष होगा और शासन-प्रबन्ध बहुत अच्छा चलेगा। फिर श्री स्मिथ यह बताते हैं कि भारतकी सबसे बड़ी बीमारी कंगाली है। इसलिए रैयतको सुखी करनेके लिए भूमिका लगान सदाके लिए निश्चित कर देना चाहिए और वह बहुत कम होना चाहिए। श्री स्मिथके इन विचारोंपर सरकार ध्यान दे तो अवश्य लाभ होगा।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, ३-६-१९०५

४०९. भारत और आम चुनाव

खयाल किया जाता है कि अब सम्भवतः कुछ ही दिनोंमें ब्रिटिश संसदका नया चुनाव होगा। ऐसे अवसरपर भारतकी अवस्था ब्रिटिश मतदाताओंको बताई जानी चाहिए। इस विचारसे गत कांग्रेस में यह प्रस्ताव किया गया था कि भारतीय प्रतिनिधि भारत से ब्रिटेन भेजे जायें। इंडिया पत्र बताता है कि इस सम्बन्धमें भारतके पक्के मित्र सर विलियम वेडरबर्नने एक सूचना निकाली है और ब्रिटेनके बड़े शहरोंके सदस्योंसे विनती की है कि वे भारतीय प्रतिनिधियोंसे भारतके दुःखोंका इतिहास सुनने के लिए सभाएँ करें। इन प्रतिनिधियोंके मुखिया श्री गोपालकृष्ण गोखले सी॰ आई॰ ई॰ नियुक्त किये गये हैं। ये श्री गोखले वे ही हैं जिन्होंने पूनाके फर्ग्युसन कॉलेजमें केवल अपने जीवन-निर्वाह लायक पैसा लेकर अध्यापनका काम किया था। इन दिनों वे कलकत्तामें इम्पीरियल लेजिस्लेटिव कौंसिलके सदस्य और प्रतिवर्ष उसमें भारत के निमित्त टक्कर लेते हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, ३-६-१९०५