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४२०. इंग्लैंडको लड़ाईमें भारतकी सहायता

इंडिया अखबार में, इंग्लैंडको भारतीय सेनाकी कितनी मदद मिलती है, इसके कुछ आँकड़े प्रकाशित किये गये हैं। इनसे पता चलता है कि १८९९ में दक्षिण आफ्रिकामें ८,२१५ भारतीय सैनिकोंकी सेना आई थी। चीनमें जब बॉक्सरका गदर हुआ था तब भारतसे भारतीय सेनाके १४,३७१ सैनिक भेजे गये थे। सोमालीलैंडमें ३,३७६ भारतीय सैनिक गये थे। तिब्बतमें और उत्तर-पश्चिम सीमाकी रक्षाके लिए जो भारतीय सैनिक जाते हैं उनकी गिनती इससे बिलकुल अलग है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १७-६-१९०५

४२१. गांधीजीका उत्तर[१]

उपर्युक्त पत्र के संबंध में मुझे केवल यह कहना है कि इतिहासकी पुस्तकोंमें जो तथ्य अंकित हैं वे गलत हों तो मुझे उसका पता नहीं है। मेरी कोई भूल हो तो मुझे उसे सुधारनेमें प्रसन्नता होगी। जिन तथ्योंकी मैंने चर्चा की है वे एन्साइक्लोपीडिया बिटानिका, हंटरकी हिस्ट्री ऑफ इंडिया और अन्य पुस्तकोंमें मिलते हैं। खैर, मेरा कहना सही है या गलत, इसपर जोर नहीं देना चाहिए। परन्तु जिस उद्देश्यसे मैंने इन तथ्योंको प्रस्तुत किया है उनपर विचार किया जाना चाहिए। और यदि मैंने ऐतिहासिक तथ्योंको सद्भावसे प्रस्तुत किया है तो इससे किसीको दुःख न मानना चाहिए।

मो॰ क॰ गांधी

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १७-६-१९०५
  1. इंडियन ओपिनियन, ३-६-१९०५ में श्री गांधीजीकी टिप्पणी प्रकाशित होनेके बाद सम्पादकको एक पत्र मिला जिसमें "इस्लामके एक अनुयायी" की ओरसे इसके विरोधमें लिखा गया था : "हिन्दुओंकी नीची जातियाँ ही मुसलमान हुई, इस वक्तव्यका समर्थन भारतीय इतिहासकी किसी उर्दू या गुजराती पुस्तक में नहीं मिलता। यदि इतिहासकी किन्हीं रद्दी पुस्तकोंमें ऐसे विचार मिलते हैं तो वे हिन्दू कल्पनाकी गढ़न्त हो सकते हैं।. . .क्या श्री गांधी उस इतिहासका नाम बताने की कृपा करेंगे जिसमें उन्होंने ऐसी गम्भीर बातें पढ़ी है?" गांधीजीने इसी पत्रका उत्तर दिया है।