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४३७. पत्र : ई॰ इब्राहीम ऐंड कम्पनीको

[जोहानिसबर्ग]
जून ३०, १९०५

श्री ई॰ इब्राहीम ऐंड कं॰
पो॰ बॉ॰ २७
स्टैंडर्टन
सेठ ई॰ इब्राहीमकी कम्पनी,

आपका पत्र मिला। पंचोंने कोई खर्च ही नहीं लिया। श्री इस्माइल काजीके कामका बहुत-सा खर्च नहीं लिया। परन्तु फैसलेके सम्बन्धमें जो चिट्ठियाँ लिखीं, आपसे और श्री काजीसे मिला, पंचोंको देनेके लिए कागजात तैयार किये और वे पंचोंके सामने पेश किये और बादमें पंचोंका काम किया—इस सबकी फीस ३० गिन्नी होती है। मैंने यह सारी फीस जुदा-जुदा तो नहीं लिखी; परन्तु जो कमसे कम वाजिब लगी उतनी ही लिखी है। फिर भी अगर आप चाहें तो विगतवार बिल बनाकर भेज दूँगा। वह कितनी होगी सो नहीं कह सकता, क्योंकि जो ३० गिन्नी फीस नाम लिखी है वह इकट्ठी ही लिखी है।

आपका वकीलका खर्च नहीं मिल सकता क्योंकि उसके कामका सम्बन्ध पंचोंसे नहीं था। कुछ और पूछना हो तो पूछें।

मो॰ क॰ गांधीके सलाम

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें गुजरातीसे; पत्र-पुस्तिका (१९०५), सं॰ ४८८।