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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 4.pdf/५६

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सम्पूर्ण गांधी वाङ‍्मय

संरक्षक कहता है: "यह निवेदन करते हुए प्रसन्नता होती है कि कुल मिलाकर भारतीय कानूनोंका अच्छी तरह पालन करते हैं।" दुर्भाग्यकी बात तो यह है कि कानूनका पालन करनेकी यह अच्छी वृत्ति दक्षिण आफ्रिकामें व्यर्थ जा रही है।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, २९-१०-१९०३

२१. लेडीस्मिथके भारतीय

लेडीस्मिथके व्यापार-संघकी एक दिलचस्प बैठकका सच्चा-सच्चा विवरण हमारे सहयोगी नेटाल विटनेसने छापा है। महापौर श्री डी० स्पार्क्सने भारतीय परवानोंके बारेमें अपने भाव प्रकट करते हए कहा:

अरब व्यापारी अपने अच्छेसे-अच्छे आदमियोंको ४ पौंड मासिक देते हैं, जब कि गोरे दूकानदारोंको बीस-बीस पौंड और कभी-कभी इससे भी अधिक देना पड़ता है। भारतीयोंके पास भी व्यापारके परवाने हैं। परन्तु वे यूरोपीय दूकानदारोंके रिवाजोंकी परवाह नहीं करते और अपनी दूकानें चौबीसों घंटे खुली रखते हैं। क्या आप लोग पसन्द करेंगे कि आपके आदमी सुबह पाँच बजेसे लेकर रातके नौ-नौ बजेतक दूकानोंपर काम करते रहें? इस प्रश्नका अब हमपर प्रत्यक्ष असर पड़ने लगा है। इसलिए इस मामले में हमें जल्दीसे-जल्दी कोई कदम उठाना चाहिए। इसीमें लेडीस्मिथ शहर, जिले और हमारी आनेवाली पुश्तोंकी भलाई है। किन्तु अगर हम समयपर नहीं चेते और ढील-पोल चलती रही तो लेडीस्मिथका यह ऐतिहासिक शहर एक एशियाई शहर बन जायेगा।

ऊपरके भाषणमें योग्य महापौर जितनी गलत बातें गिनतीके पांच-सात वाक्योंमें चतुरताके साथ कह गये हैं, शायद ही कोई इतने थोड़े वाक्योंमें इतनी गलत बातें कह सके। श्री स्पार्क्सको हम चुनौती देते हैं कि ऊपर उन्होंने जो बात सबसे पहले कही है, अर्थात् यह कि भारतीय व्यापारी अपने अच्छेसे-अच्छे आदमियोंको ४ पौंड मासिक वेतन देते हैं, सिद्ध करके बतायें। भारतीय व्यापारी-व्यवसायी अपने कारकुनों और विक्रेताओंको जो वेतन देते है उसकी कुछ-कुछ जानकारी रखनेका हम दावा कर सकते हैं। और श्री स्पार्क्सको यह बताते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है कि भारतीय व्यापारी अपने अच्छेसे-अच्छे आदमियोंको मासिक २५ पौंडतक अथवा इसके बराबर वेतन देते हैं; अर्थात्, ये आदमी १२ से १५ पौंड तो नकद पाते है और इसके अलावा उन्हें भोजन तथा मकानकी सहूलियत दी जाती है। हम यह भी बता दें कि उत्तम आदमियोंको अपनी सेवाकी अवधिके अन्तमें खासा इनाम भी दिया जाता है। इसके आधे दर्जन उदाहरण तो हम अभी दे सकते हैं और अगर श्री स्पार्क्स ४ पौंड मासिक वेतन पानेवाले अच्छेसे-अच्छे आदमियोंके नाम बतानेकी कृपा करें तो हमने जो वेतन बताया है उसके पानेवालोंके नाम हम भी खुशीसे उन्हें बता सकेंगे। यह बिलकुल सही है कि कुछ कारकुन और नौकर सचमुच ४ पौंड मासिक वेतन पाते हैं। परन्तु जिनको यह वेतन मिलता है, वे अकसर इससे अधिक पानेके पात्र भी नहीं होते। जो आदमी एकदम नये हैं, जिनको काम सिखानेकी जरूरत है, और अंग्रेजी भाषाका ज्ञान न होनेके कारण जिनका बहुत उपयोग नहीं हो पाता, वे बहुत अच्छे वेतनकी आशा भी नहीं कर सकते। फिर यह नहीं भुलाया जा सकता कि जिनको ४ पौंड मासिकका भी वेतन मिलता है, उन्हें हमेशा वेतनके अलावा भोजन और मकानकी सुविधा दी जाती