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शिष्टमण्डलकी यात्रा—५

कोई दूसरे सहायक मित्र हमेशा साथ रहते ही हैं, इसलिए हर बार तीनसे चार शिलिंग तक खर्च हो जाता है। सभी बड़े-बड़े लोग बहुत दूर रहते हैं, इसलिए गाड़ी-भाड़ा बहुत लगता है। कभी ट्रेन तो कभी बसमें और ज्यादातर बग्घीमें जाना पड़ता है। पैदल चलनेका मौका शायद ही कभी आता है। इतनी जल्दी करनेके बाद भी रोजाना दोसे ज्यादा व्यक्तियोंसे मुलाकात नहीं हो पाती। लोकसभा में जानेपर बहुत बार एक-एक सदस्यके लिए एक-एक घंटा राह देखनी पड़ती है। फिर भी उम्मीद है कि समितिने जो मर्यादा बाँधी है उसके अन्दर खर्च निभ जायेगा।

अवधि थोड़ी

यहाँ एक महीना रहनेका निश्चय किया है। लेकिन अनुभवसे देखता हूँ कि यदि यहाँ छः महीने रह सकूँ तो भी पर्याप्त काम निकल आयेगा और उसका असर भी हुए बिना न रहेगा। सहानुभूति रखनेवाले और हमारा काम करनेवाले बहुत लोग निकल आते हैं।

लॉर्ड एलगिनसे मुलाकात

लॉर्ड एलगिनसे ८ नवम्बरको मिलता है। उस वक्त लेपेल ग्रिफिन, लॉर्ड स्टैनले, सर मंचरजी भावनगरी, श्री दादाभाई नौरोजी, सर हेनरी कॉटन, श्री थॉर्नटन, जस्टिस अमीर अली, श्री हैरॉल्ड कॉक्स, सर जॉर्ज बर्डवुड, सर चार्ल्स डिल्क इतने सज्जन साथ होंगे। सर लेपेल ग्रिफिन नेता होंगे। वास्तविक स्थितिके सम्बन्धमें संक्षिप्त निवेदन छपवाकर आज लॉर्ड एलगिनको भेज दिया है। उसमें ज्यादातर वे ही दलीलें दी गई हैं जो देते आ रहे हैं। इसलिए मैं उनका अनुवाद करके नहीं भेज रहा हूँ।

अखबारों में टीका

'साउथ आफ्रिका', 'मॉर्निंग लीडर' और 'ट्रिब्यून' में मुलाकात प्रकाशित हुई है। 'साउथ आफ्रिका,' बहुत ही कड़वे लेख लिखता था। अब उसने कुछ हद तक हमारे पक्षमें लिखा है। 'टाइम्स' को हमने जो पत्र लिखा था, वह उसने संक्षेपमें प्रकाशित किया है। दूसरे अखबारोंने भी उल्लेख किया है।

लोकसभाके सदस्य

लोकसभा के सदस्य हमें मुलाकात दें और हमारी हकीकत सुनकर सहानुभूतिका एक प्रस्ताव पास करें, इसके लिए हलचल चल रही है। इस काममें श्री पोलकके पिता और श्री रिच हमें बहुत मदद करते हैं। इससे ज्यादा और कुछ नहीं लिख सकता। भूतपूर्व भारत-मन्त्री लॉर्ड जॉर्ज हैमिल्टनसे मिलनेका प्रयत्न चल रहा है और बहुत करके उनसे मुलाकात हो जायेगी। जो भी हो, सोचा है कि जनवरी पहलीके पहले मैं स्वयं तो लौट ही आऊँगा। श्री अलीने तुर्की के राजदूतसे मुलाकात माँगी है। उनका उत्तर सोमवारको मिलेगा।

स्थायी समितिकी आवश्यकता

सर मंचरजी बहुत ही लगनसे काम करते हैं। उनकी और दूसरे सज्जनोंकी राय है कि फिलहाल कुछ वर्षोंके लिए स्थायी समिति नियुक्त करनेकी आवश्यकता है। लॉर्ड एलगिन कानून रद कर देंगे, फिर भी ट्रान्सवालको स्वराज्य मिलनेपर और भी नये कानून बनेंगे,