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१७८. पत्र: जे० सी० मुकर्जीको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १४, १९०६

प्रिय श्री मुकर्जी,

आपका पत्र मिला। मैं हर शामको व्यस्त रहा, इसीलिए आपको लिख नहीं सका कि आप भेंटके लिए किस समय आयें। क्या आप कल शामको ६ बजे आ सकेंगे? अगर मेरा कमरा खुला न हो या मैं वहाँ न होऊँ, तो कृपया बड़े कमरे में रुके रहिए। श्री अली और मैं कल श्रीमती बनर्जीसे मिलने जा रहे हैं और हमें थोड़ी-बहुत देर हो सकती है। लौटकर हम लोग साथ भोजन करेंगे और बातचीत भी होगी।

आपका सच्चा,

श्री जे० सी० मुकर्जी
६५, क्रॉमवेल ऐवेन्यू
हाइगेट, एन०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४५६९) से।

१७९. पत्र: एस० हॉलिकको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १४, १९०६

प्रिय श्री हॉलिक,

मुझे इस बातका दुःख है कि हस्ताक्षर प्राप्त[१] करनेमें आपको कठिनाई हो रही है। अगर आपको लगे कि लोगोंसे मिलते समय मेरा साथ रहना कुछ उपयोगी होगा तो मैं खुशीसे साथ चलूँगा।

मैं आपके पत्र में उल्लिखित स्मरणपत्रकी प्रति भेज रहा हूँ।

आपका सच्चा,

[संलग्न]
श्री एस० हॉलिक
१६२, लन्दन वाल, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५७०) से।

  1. दक्षिण आफ्रिकाकी थोक पेढ़ियोंके प्रतिनिधियों द्वारा लॉर्ड एलगिनको दिये जानेवाले प्रार्थनापत्रके लिए देखिये "लॉर्ड एलगिनके नाम लिखे प्रार्थनापत्रका मसविदा", पृष्ठ ११२-१३।