पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/२०५

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१८२. पत्र: एच० रोज मैकेंजीको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १५, १९०६

प्रिय श्री मैकेंजी,

क्या आप कल सुबह आकर मुझसे मिल सकते हैं?

आपका सच्चा,

श्री एच० रोज़ मैकेंजी
मारफत 'साउथ आफ्रिका'
विंचेस्टर हाउस, ई० सी०

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ४५७३) से।

१८३. पत्र: डब्ल्यू० ए० वैलेसको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर १५, १९०६

श्री डब्ल्यू० ए० वैलेस
क्वीन ऐन्स चेम्बर्स
ब्रॉडवे
वेस्टमिन्स्टर
प्रिय महोदय,

बाबत: नं० २८, निचली मंजिल

आपका १५ तारीखका पत्र अभी मिला। मैं इसके साथ २५ पौंडका एक चेक भेज रहा हूँ। यह आपके पत्र में उल्लिखित उपस्करणके लिए है। कृपया श्री जेमिसनसे बाकायदा रसीद भिजवायें।

दक्षिण आफ्रिकी ब्रिटिश भारतीय चौकसी समितिके[१] मन्त्री और कोषाध्यक्षकी हैसियतसे श्री रिच द्वारा हस्ताक्षरित पट्टा संलग्न कर रहा हूँ। इस इकरारनामेपर श्री रिचने इसलिए दस्तखत किये हैं कि मैं स्वयं जल्दी ही दक्षिण आफ्रिकाके लिए रवाना हो जाऊँगा; किन्तु यदि आप श्री रिचके हस्ताक्षरोंके सम्बन्ध में इकरारनामेपर मेरी भी तसदीक चाहें तो मैं

  1. बादमें यह नाम बदलकर दक्षिण आफ्रिकी ब्रिटिश भारतीय समिति कर दिया गया था। देखिए "पत्र: सर जॉर्ज बर्डवुडको", पृष्ठ २०६।