प्रसन्नतासे वैसा कर दूँगा। क्या आप मकान मालिकसे पट्टेपर दस्तखत कराकर मुझे भेज देंगे? कमरेकी चाबी मुझे कब मिलेगी, यह भी सूचित कीजिए।
आपका विश्वस्त,
संलग्न: २
टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिको फोटो नकल (एस० एन० ४५७४) से।
१८४. पत्र: टी० जे० बेनेटको
होटल सेसिल
स्ट्रैंड
[लन्दन]
नवम्बर १५, १९०६
प्रिय महोदय,
दक्षिण आफ्रिका ब्रिटिश भारतीय समुदायने तय किया है कि दक्षिण आफ्रिकाकी ब्रिटिश भारतीय प्रजाको उचित न्याय दिलानेके लिए एक समितिका संगठन किया जाये; और उसके संगठनका दायित्व हमें सौंपा है।
समितिका नाम "दक्षिण आफ्रिकी ब्रिटिश भारतीय चौकसी समिति" (साउथ आफ्रिका ब्रिटिश इंडियन विजिलैन्स कमिटी) प्रस्तावित किया गया है।
सर विलियम वेडरबर्न, सर लेपेल ग्रिफिन, सर हेनरी कॉटन, श्री जे० डी० रीज़, श्री दादाभाई नौरोजी, सर मंचरजी भावनगरी और दूसरे सहानुभूति रखनेवाले सज्जनोंने कृपापूर्वक समितिमें शामिल होना स्वीकार कर लिया है।
यदि आप भी कृपापूर्वक समितिमें शामिल होना स्वीकार करें और हमें सूचित करें तो हमें बड़ी प्रसन्नता होगी। यह कह दूँ कि समितिसे किसी प्रकारके लगातार और सक्रिय कामकी अपेक्षा नहीं की जायेगी, क्योंकि इस तरहके कामके लिए एक छोटी कार्यकारिणी समिति रहेगी। किन्तु हम उन सब सज्जनोंका नैतिक समर्थन और प्रभाव प्राप्त करनेके लिए उत्सुक हैं जो यह मानते हैं कि दक्षिण आफ्रिकामें ब्रिटिश भारतीयोंके साथ उचित और न्याय्य व्यवहार नहीं किया जा रहा है।
दक्षिण आफ्रिकाके श्री एल० डब्ल्यू० रिचने समितिके मन्त्रीके रूपमें काम करना स्वीकार कर लिया है।
आपके विश्वस्त,
[मो० क० गांधी
हा० व० अली]
श्री टी० जे० बेनेट, सी० आई० ई०[१]
'टाइम्स ऑफ इंडिया'
[लन्दन]
टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस० एन० ४५७५) से।
- ↑ टाइम्स ऑफ इंडियाके प्रकाशक, बेनेट कोलमैन ऐंड कम्पनीवाले।