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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

लेनेकी जरूरत नहीं है; क्योंकि वह एक सत्रमें केवल छः दिन ही शहर जाया करेगा। मैं चाहता हूँ कि कुमारी वीनेन उसके साथ परिवारके सदस्यकी तरह पूर्णतः निःसंकोच और खुला बर्ताव करें या उसको उसके बोलने या रहन-सहन के तौर-तरीकेकी खराबियाँ बताने में न हिचकिचायें। संक्षेपमें उसके साथ एक बहुत छोटे लड़केका-सा व्यवहार किया जाना चाहिए और उसकी प्रेमपूर्ण निगरानी होनी चाहिए। यह उसके जीवनका ऐसा काल है जिसमें बालक संस्कार ग्रहण करता है। उसमें ऐसे लक्षण वर्तमान हैं कि यदि अभी उसको उचित रूपसे सँभाला गया तो वह बहुत अच्छा आदमी बन सकेगा।

यदि आप चाहें तो, इस पत्रको कुमारी वान वीनेनको दे सकते हैं।

आपका हृदयसे,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ४६६४) से।
 

२८१. पत्र : एस॰ जे॰ मीनीको

[होटल सेसिल
लन्दन]
नवम्बर २९, १९०६

श्री एस॰ जे॰ मीनी
उपनिवेश कार्यालय
डाउनिंग स्ट्रीट
प्रिय महोदय,

आपके पत्रके सन्दर्भमें मैं अब इसके साथ उस छपे पत्रकी[१] दो प्रतियाँ भेज रहा हूँ जो प्रतिनिधियोंने उपनिवेश मन्त्रीको लिखा है।

मैं यह कह दूँ कि प्रतिनिधि अगले शनिवारको दक्षिण आफ्रिकाको रवाना होंगे।

आपका विश्वस्त,

संलग्न : २

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ४६६६) से।
  1. सम्भवतः यह "प्रार्थनापत्र : लॉर्ड एलगिनको", पृष्ठ ११७-१९ होगा किन्तु इसकी मुद्रित प्रति उपलब्ध नहीं है।