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२९९. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

इस बार कांग्रेसकी ओर बहुत से ऐसे प्रसिद्ध लोगोंने भी ध्यान दिया है, जो पहले कभी नहीं देते थे। उसका मुख्य कारण यह है कि इन दिनों बंगाल में बहुत हलचल हो रही है। रायटरने यहाँके समाचारपत्रों में बड़े-बड़े संवाद भेजे हैं। कांग्रेसको पहली बार इतनी प्रसिद्धि मिली हैं। इस बार उसका प्रभाव भी बहुत पड़ा है। भारतके पितामह [दादाभाई नौरोजी] का भाषण भी बहुत प्रभावशाली और जोरदार है। उसके शब्द कंठ कर रखने लायक हैं। उस भाषणका तात्पर्य यही है कि जबतक हम जाग्रत नहीं होते, संगठित नहीं रहते तबतक भारत खुशहाल नहीं होगा। दूसरे शब्दोंमें कहें तो उसका मतलब यही होगा कि स्वराज्य पाना, खुशहाल होना और जो हक हमें चाहिए उनका निर्वाह करना हमारे ही हाथमें है। हम बता चुके हैं कि अंग्रेज महिलाओं को जवाब देते हुए श्री एस्क्विथने कहा था कि यदि इंग्लैंडकी सब महिलाएँ मताधिकार माँगें तो वह मिले बिना नहीं रहेगा। अतः हमें समझना है कि जिस प्रकार कुछ हक हमें नहीं मिलते उसी प्रकार इंग्लैंडमें भी प्राप्त करने में लोगोंको अड़चन होती है। इंग्लैंडमें माँगे हुए हक थोड़ी कठिनाईके बाद मिल सकते हैं। इसका मुख्य कारण यह नहीं कि वे गोरे लोग हैं; बल्कि यह है कि वे जो माँग करते हैं वह प्रबलतापूर्वक और संगठित होकर करते हैं; और माँग के स्वीकार न होनेपर माँग करनेवाले लोग शासकोंका काम कठिन कर देते हैं। जब इंग्लैंडमें समिति की स्थापना हुई उस समय डॉ॰ ओल्डफील्डने कहा था कि अंग्रेज-जनताको शक्ति और न्याय प्रिय हैं। पर अंग्रेजी राज्यमें न्याय बहुधा शक्तिके बिना नहीं मिल पाता भले ही वह शक्ति कलमकी हो, तलवारकी हो या धनकी हो। हमें तो मुख्य रूपसे केवल एकता और अपनी सचाईका बल ही काममें लाना है। मतलब यह कि सब लोग मिलकर अपने हक माँगें और माँगनेपर जो कुछ हानि हो उसे झेलने के लिए तैयार रहें तो भारतमें हमारे बन्धन आज ही टूट सकते हैं। और जो विचार भारतके लिए उपयुक्त हैं, वे बहुत-कुछ यहाँके लिए भी उपयोगी हैं।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, ५-१-१९०७
 

३००. तम्बाकू

तम्बाकू पीने और खाने से होनेवाले नुकसानों के सम्बन्धमें हम समय-समयपर लिखते रहे। हैं। ज्यों-ज्यों अनुभव होता जा रहा है त्यों-त्यों देखने में आ रहा है कि तम्बाकूसे होनेवाले नुकसानोंके कारण बड़े-बड़े लोगों में एक घबराहट फैल रही है। मैफेकिंगके सुप्रसिद्ध मेजर जनरल वेडन पॉवेलने[१] लिवरपूलमें विद्यार्थियोंके समक्ष भाषण देते हुए कहा कि दुनियाके उच्च कोटिके लोगों में अधिकतर तम्बाकू नहीं पीते। फुटबालका खिलाड़ी बासेट, क्रिकेटका ग्रेस, नौका-चालक हेनलन, गॉफ खेलने में पटु तथा चलने में तेज वेस्टन, बहुत बड़ा शिकारी टेलर तथा बड़ी

  1. लॉर्ड बेडन पॉवेल (१८५७-१९४१); बालचर और बालचारिका संस्थाओं के संस्थापक।