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ट्रान्सवालके भारतीय

किया गया? व्याख्याएँ किसने की? सभा कहाँ हुई? यह काम बिलकुल सही दिशामें हुआ और किसी भी मूल्यपर इसे जारी रखना चाहिए।

तुम्हारा शुभचिन्तक,
मो॰ क॰ गां॰

टाइप की हुई मूल अंग्रेजी प्रतिकी फोटो नकल (एस॰ एन॰ ४६९३) से।
 

३३२. ट्रान्सवालके भारतीय

हमारे जोहानिसबर्गके संवाददाताने सर रिचर्ड सॉलोमनके भाषणका अनुवाद भेजा है।[१] उसकी ओर हम प्रत्येक भारतीयका ध्यान आकर्षित करते हैं। सर रिचर्डके भाषणको केवल चुनावके समय किया हुआ भाषण ही न समझा जाये। वे अभी ही विलायतसे लौटे हैं। उपनिवेश कार्यालय के अधिकारियोंसे मिले हैं। अधिकारियोंके मनमें उनके प्रति सम्मान है। उदारदलीय मन्त्रिमण्डल उनके द्वारा अंग्रेजों और डचोंको मिलाना चाहता है श। इसलिए सर रिचर्ड जो कुछ कहें, उसे पूरा महत्त्व देना है।

सर रिचर्ड कहते हैं कि एशियाई अध्यादेशको फिरसे नई संसद में प्रस्तुत करना होगा और नई संसद द्वारा स्वीकार किये गये कानूनको बड़ी सरकार रद नहीं करेगी।

सर रिचर्ड ऐसा कानून पास कराना चाहते हैं, इतना ही नहीं; उनका यह भी विचार है कि एक भी नया भारतीय ट्रान्सवालमें स्थायी रूपसे रहनेके लिए दाखिल न हो। इसलिए उन्हें नेटालका अथवा केपका प्रवासी- अधिनियम पसन्द नहीं है। उनकी राय है कि ऑरेंज रिवर उपनिवेशका कानून[२] लागू किया जाना चाहिए।

इसका अर्थ यह हुआ कि राज्यकी बागडोर यदि सर रिचर्डके हाथमें आई तो भार- तीयोंकी कम्बख्ती आ जायेगी।

ऐसी परिस्थितिमें क्या किया जाये? हमारे पास एक ही उत्तर है। एशियाई अध्यादेश रद हो गया। उसे हमने विजय समझा है। किन्तु वास्तविक विजय तभी होगी जब हम अपना बल बतायेंगे। यह निश्चित है कि एशियाई अध्यादेश प्रस्तुत होगा। उस समय भारतीयोंके मनमें एक ही विचार होना चाहिए कि वे इस प्रकारके कानूनको कदापि स्वीकार नहीं करेंगे, बल्कि यदि वह कानून अमलमें आया तो काफिरोंकी भाँति अनुमतिपत्र लेने अथवा पासमें रखने के बदले स्वयं जेल जायेंगे। इस साहसके साथ जब कारावास रूपी महलमें जानेका दिन आयेगा और भारतीय समाज उस महलमें निवास करेगा तभी सच्ची विजय प्राप्त होगी।

इस प्रकारके काम करनेका समय आनेसे पहले बहुत काम करने हैं। हमें यह दिखा देना चाहिए कि भारतीय लोग बिना अनुमतिपत्रके सामूहिक रूपसे प्रविष्ट नहीं होते। यदि

  1. देखिए, "जोहानिसबर्ग की चिट्टी", पृष्ठ ३२८-३०।
  2. इस कानूनके अन्तर्गत ऑरेंज रिवर उपनिवेशमें भारतीय "सिर्फ घरेलू नौकरोंके रूपमें" ही प्रवेश कर सकते थे।