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घृणा अथवा अरुचि

मार दी थी। एक बार अमलाजी न्यायालयके मजिस्ट्रेट श्री मिलार्नको एक भारतीय गवाहको हिचकियाँ लेते देखकर इतनी घृणा हुई कि वे सहन नहीं कर सके। उन्होंने उसे हिचकी रोकने को कहा। एक बार एक भारतीय सज्जन और कुछ गोरे खाना खानेके लिए बैठे थे। भारतीय सज्जनने खाते-खाते डकारें लेना शुरू किया। एक अंग्रेज महिला साथमें टेबलपर बैठी थी। उसे लगभग चक्कर आ गया और उस दिन वह बिलकुल खा न सकी। इससे हम देख सकते हैं कि हमें साथके व्यक्तिकी भावनाओंका हमेशा ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, इस देशमें रहते हुए जैसे भी हो हमें ऐसी तजवीज करनी चाहिए कि गोरोंकी घृणा कम हो। इस दृष्टिसे घृणा पैदा करनेवाली कुछ बातें हम नीचे देते हैं और सारे भारतीय भाइयोंको सलाह देते हैं कि वे घृणाके कारणोंको दूर करें।

न करने योग्य कुछ बातें

१. साफ किये हुए या पक्के रास्तेपर, जहाँ लोगोंका आमदरफ्त हो, यथासम्भव हमें लोगोंके सामने नाक छिड़कना या खखारना नहीं चाहिए।

वैद्यककी दृष्टिसे भी यह नियम पालने योग्य है। डॉक्टरोंका कहना है कि नाक या मुँहसे निकलनेवाली गन्दगीका स्पर्श यदि दूसरे मनुष्यको हो तो कभी-कभी उसे कोढ़ हो जाता है। डॉक्टर म्यूरिसनने कहा है कि जहाँ-तहाँ थूकने की आदतके द्वारा हम प्रायः क्षयको प्रोत्साहन देते हैं। उपर्युक्त दोनों क्रियाएँ यदि घरमें की जायें तो पीकदानीमें और बाहर रूमालमें और यथासम्भव एकान्तमें की जानी चाहिए।

२. मनुष्योंके सामने डकार या हिचकी नहीं लेनी चाहिए; अपान वायु नहीं निकलने देना चाहिए, और खुजलाना नहीं चाहिए।

यह नियम सभ्यताके निर्वाहके लिए आवश्यक है। आदत डालनेसे उपर्युक्त क्रियाओंको हाजत होनेपर भी रोका जा सकता है।

३. खाँसी आये तो रूमाल मुँहके सामने रखकर खाँसना चाहिए।

दूसरोंपर हमारा थूक उड़ता है तो उससे उन्हें बड़ी परेशानी होती है और यदि हमारे शरीरमें विकार हो तो कभी-कभी उस थूकके स्पर्शसे दूसरे व्यक्तिको बीमारी हो जाती है।

४. बहुतसे लोग स्नान करते हैं। लेकिन उनके कानों और नाखूनोंमें मैल बना रहता है। नाखून काटकर साफ रखना और कान साफ रखना जरूरी है।

५. जिन्होंने दाढ़ी न रखी हो उन्हें आवश्यक हो तो रोज हजामत करनी चाहिए। मुँहपर बढ़े हुए बाल आलस्य या कंजूसीका लक्षण हैं।

६. आँखमें कीचड़ बिलकुल न रहने देना चाहिए। जो अपनी आँखोंमें कीचड़ रहने देते हैं वे आलसी और सुस्त माने जाते हैं।

७. शारीरिक सफाईकी प्रत्येक क्रिया एकान्तमें की जानी चाहिए।

८. पगड़ी या टोपी या जूते साफ होने चाहिए। जूते साफ रखने—पालिश करने से उनकी उम्र बढ़ जाती है।

९. पान-सुपारी रास्तेमें या आम लोगोंके सामने चाहे जब खानेके बजाय एक निश्चित समयपर पूरक खुराकके रूपमें खा लेना चाहिए, जिससे किसीको यह न लगे कि हम हमेशा खाते ही रहते हैं। तम्बाकू खानेवालोंको तो बहुत ही खयाल रखना चाहिए। वे जहाँ-तहाँ