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३५८. नेटालमें व्यापारिक कानून

हमें निश्चित खबर मिली है कि डर्बन व्यापार मण्डलके बहुत-से सदस्य लेडीस्मिथ के परवाना निकायके निर्णयसे घबरा गये हैं। उन्होंने जो खानगी बैठक की, उसमें भी बहुतेरे लोगोंने यह विचार प्रकट किया है कि परवाना कानून रद किया जाना चाहिए। आखिर श्री हैंडज़ और श्री बुचरको इस विषयको जाँच करनेके लिए नियुक्त किया गया है। यह एक ऐसा मौका है कि यदि इसका लाभ उठाकर हमारे नेता व्यापार मण्डलके मुखियोंसे और खासकर उन दो व्यक्तियोंसे, जिनके नाम हमने ऊपर दिये हैं, मिलें और सलाह करें तो बहुत लाभ हो सकता है। क्या किया जाना चाहिए, इस विषयमें अंग्रेजीमें लेख लिखा गया है और उसका अनुवाद हम अगले अंकमें देंगे। इस कानूनमें परिवर्तनका सुझाव तटस्थ व्यक्तिकी तरह दिया गया है। इसलिए उसे किसीके लिए बन्धनकारक नहीं माना जा सकता। फिर भी इसमें कोई शक नहीं कि हमारे लिए यही रास्ता स्वीकार करने योग्य है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २३-२-१९०७
 

३५९. नेटालका नगरपालिका विधेयक[१]

इस सम्बन्धमें लॉर्ड एलगिन लड़ रहे हैं। यह उपकार मानने योग्य है। उनका कथन है कि असभ्यकी व्याख्यामें गिरमिटियों के लड़कोंको नहीं लिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, रंगदार लोगोंमें भारतीयोंका जो समावेश किया गया है वह भी वास्तविक नहीं है। क्योंकि रंगदारोंमें सभी लोगोंका समावेश हो जाता है। इस विषय में भारत सरकारको बड़ी सहानुभूति है। उसकी ओरसे आग्रह किया जा रहा है कि भारतीय समाजको राहत दी जानी चाहिए। इससे लॉर्ड एलगिनको आशा है कि नेटाल सरकार इस सम्बन्ध में विचार करेगी। इस तरह जो लड़ाई चल रही है उसमें हमारी जीतकी इसी शर्तपर सम्भावना हो सकती है कि हम अपना फर्ज अदा करें। नेटाल नगर-परिषदने उत्तर दिया है कि कानून में परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए?

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २३-२-१९०७
  1. देखिए "पत्र : लॉर्ड एलगिनके निजी सचिवको", के साथ संलग्न वक्तव्य, पृष्ठ॰ २६८-७०।