पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 6.pdf/४९५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४५९
जोहानिसबर्ग की चिट्ठी

सर विलियम वैन हल्स्टीनने कहा कि सारा दक्षिण आफ्रिका भारतीय कौमके विरुद्ध है। फिर भी उसे एकदम निकाल देना अथवा उसका व्यापार बन्द कर देना सम्भव नहीं। यही प्रस्ताव अच्छा है कि वे बाजारमें ही व्यापार करें। भारतीयोंके आगमन के प्रश्नसे व्यापार मण्डलका सम्बन्ध नहीं है। इसलिए व्यापारमण्डल उसमें दखल नहीं दे सकता। उन्होंने ऐसा प्रस्ताव पेश किया कि एशियाई व्यापारके विषयमें सारे दक्षिण आफ्रिकामें तुरन्त ही कानून बनानेकी जरूरत है।

श्री क्विनने इस संशोधनका समर्थन किया। नेटालके श्री हेंडरसनने कहा कि नेटालको भारतीय व्यापारियोंने बरबाद कर दिया है। लेडीस्मिथ वगैरह गाँवों में भारतीय व्यापारियोंके हाथमें ही सारा व्यापार है। वे टिड्डीके समान नेटालको खा रहे हैं। वे काफिरोंके लिए भी नुकसानदेह हैं, क्योंकि काफिर उनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकते।

केप टाउनके श्री जैगरने कहा कि वे भी भारतीयोंके विरुद्ध हैं। किन्तु एकदम पाबन्दी लगाना कठिन काम है। बड़ी सरकार वैसा कानून कभी स्वीकार नहीं करेगी। इसलिए उन्होंने ऐसा प्रस्ताव पेश किया कि चूंकि दक्षिण आफ्रिकामें भारतीय समाजकी उपस्थिति नुकसानदेह है, इसलिए उनके आने और व्यापार करनेपर नियन्त्रण रखनेके हेतु तुरन्त ही कानून बनाना आवश्यक है।

जूटपान्सबर्गके श्री आयरलैंडने कहा कि श्री मैडीका प्रस्ताव मर्यादाके बाहर चला जाता है। इस प्रश्नके सम्बन्ध में जल्दी कोई उपाय किया जाना चाहिए। एशियाई एक प्रकारकी प्लेगकी बीमारी हैं। श्री फॉरेस्ट बोले कि नेटालमें इतने ज्यादा भारतीय हैं कि उनकी जब उन्हें याद आ जाती है तो ठण्ड लगने लगती है। प्रिटोरियाके श्री चैपेलने संशोधनका समर्थन किया। श्री बर्कने श्री प्रैडीसे कहा कि उन्हें अपना प्रस्ताव वापस ले लेना चाहिए जिससे संशोधित प्रस्ताव सर्वानुमतिसे स्वीकार हो और उसका अच्छा प्रभाव पड़े। श्री प्रडीने प्रस्ताव वापस ले लिया और सर्वानुमतिसे संशोधित प्रस्ताव पास हुआ।

उसके बाद सामान्य विक्रेता परवाना सम्बन्धी कानूनका विवाद खड़ा होनेपर यह प्रस्ताव किया गया कि सब जगह संशोधन एवं परिवर्धनके साथ केपके समान कानून पास किया जाये।

सेठ हसन मियाँके लड़केका अकीका

सेठ मुहम्मद कासिम कमरुद्दीनकी पेढ़ीके साझीदार सेठ हसन मियाँके यहाँ लड़केका जन्म हुआ है। कल उसका अकीका था। इसलिए बड़ा भोज दिया गया था। दूर-दूरसे रिश्तेदार आये थे और लगभग ५०० व्यक्तियोंके लिए भोजन बनाया गया था। डर्बनसे श्री अब्दुल कादिर खास उसी कामके लिए आये थे। प्रिटोरियासे हाजी हवीब आये थे। समारोह बड़ी धूमधाम से किया गया था।

कुछ लोगोंको यह नहीं मालूम होगा कि अकीका किसे कहते हैं। बालकोंका सातवें दिन मुण्डन संस्कार किया जाता है, वह अकीका कहलाता है। मुण्डन करते समय जो केश उतरते हैं उनके वजनके बराबर माता-पिता अपनी स्थितिके अनुसार सोना, चाँदी या ताँबा तौलते हैं और उसे खर्च करके भोज देते हैं।