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सम्पूर्ण गांधी वाङमय

विशेषताओंका अनेक तरहसे बखान किया जाता था। सारी सभाओं में यही कामना की गई कि श्री उमर हाजी झवेरीको नेटालसे बाहर रहते हुए हज करनेका अवसर प्राप्त हो और उनकी बैरिस्टर बननेकी मुराद पूरी हो। श्री इस्माइल गोराने आशा व्यक्त की कि श्री उमर झवेरी पोरबन्दर जा रहे हैं; इसलिए वहाँ एक मदरसेका जो झगड़ा चल रहा है उसे सुलझानेका उन्हें मौका मिलेगा और वे उसे हाथसे जाने नहीं देंगे। श्री पीरन मुहम्मदके यहाँ दिये गये भोजके समय श्री गांधी खास तौरसे इसीके लिए ट्रान्सवालसे आकर उपस्थित हुए थे। उसी दिन कानूनके मँजूर किये जानेकी खबर मिली थी, इसलिए भोजके समय काफी चर्चा हुई थी। भाषणोंमें कहा गया था कि श्री उमर झवेरीका जो भारी सम्मान किया गया है वह तो तभी सार्थक हो सकता है जब कि सभी भारतीयों में श्री झवेरीके देशप्रेमसे जोश पैदा हो और वे ट्रान्सवालके भारतीयोंके लिए पूरी ताकत लगायें और जेल जानेके बारेमें जो प्रस्ताव पास किया गया है उसे निबाहनेके लिए उन्हें हिम्मत और सीख दें। जिस दिन श्री रुस्तमजीके यहाँ भोज दिया गया उसी दिन श्री रुस्तमजी बम्बईसे लौटे थे। श्री उमरने उनकी अनुपस्थितिमें उनके ओहदेपर रहकर जो काम किया था उससे उन्हें इतना सन्तोष हुआ था कि श्री उमरकी विदाईके समय उपस्थित हो पाने में उन्होंने बड़ा आनन्द और गर्व महसूस किया। श्री झवेरीको सोनेकी घड़ी, जंजीर और पेन्सिल-मंजुषा भेंटमें दी गई थी।

'इंडियन ओपिनियन' के कार्यकर्त्ताओं की ओरसे भोज फीनिक्स में दिया गया था। उनके सम्मानमें उस वक्त लगभग १२ सज्जनोंने अपनी असुविधाका खयाल न करके डर्बनसे उतनी दूर फीनिक्स आना स्वीकार किया था। कार्य-कर्त्ताओंकी ओरसे श्री झवेरीको निम्नानुसार मानपत्र दिया गया था :

महोदय, दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंकी भलाईके लिए हमारा पत्र जो लड़ाई लड़ रहा है उसके तथा हमारी संस्थाके प्रति आपने उत्साह व्यक्त किया है। उसके लिए 'इंडियन ओपिनियन' के कार्यकर्त्ताओंकी ओरसे हम आभार प्रदर्शित करते हैं।
हम आशा करते हैं कि सुख एवं शान्तिसे स्वदेश पहुँचने के बाद जब आप वहाँ रहेंगे उस बीच दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंकी मुसीबतों और परेशानियोंको घटानेके लिए अपने प्रयत्न जारी रखेंगे।
आपने बार-बार फीनिक्स आकर हमारे काममें दिलचस्पी दिखाई है। उसके लिए हम आपकी तारीफ करते हैं और अन्तःकरणसे कामना करते हैं कि आप तुरन्त वापस लौटें।

कांग्रेसकी बैठक

सोमवारको कांग्रेसकी सभाके समय सभा भवन अच्छी तरह भर गया था। सभा भवनको काफी सजाया गया था, जिसका श्रेय श्री पोलकको दिया जाना चाहिए। उस सभा में श्री झवेरीके स्थानपर श्री दादा उस्मानको संयुक्त मन्त्री चुना गया था।

मानपत्र पढ़े जाने के पहले अध्यक्ष श्री दाउद मुहम्मदने इस आशयका भाषण दिया :

श्री उमर हाजी आमद झवेरी सभी कौमोंके प्रेमपात्र बन गये हैं। इसका कारण यह है कि उनकी सब कौमोंपर समदृष्टि है। वे हिन्दू, मुसलमान, पारसी, ईसाई सभीको अपना भाई मानते हैं। उन्होंने अपने धनको प्रजाकी भलाई के लिए ही माना है। जिस धनका सदुपयोग नहीं होता, वह निकम्मा है। धनसे जितनी कीर्ति मिल सकती है,