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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

रह रहे हैं। अतः यद्यपि वे बहादुरी दिखाने को तैयार हों फिर भी मुझे खेदपूर्वक कहना पड़ता है कि वे जेलकी प्रतिष्ठाके हिस्सेदार नहीं हो सकते।

मुद्दती अनुमतिपत्रवालोंको निराश्रितका हक नहीं प्राप्त हो सकता। वे सीमित समय के लिए आये हैं और समय बीत जानेपर भले आदमीकी तरह लौटनेके लिए बँधे हुए हैं। ये मुद्दती अनुमतिपत्रवाले यदि देश सेवा करना चाहते हों तो वे ट्रान्सवालसे बाहर रहकर देशके लिए परिव्राजक होकर हरएक भारतीयके सामने ट्रान्सवालके दुःखोंकी कहानी सुना सकते हैं, और मौका आनेपर समाजकी बहुत-सी सेवाएँ कर सकते हैं। जिसे सेवा ही करनी हो वह तो जीते-जी और मरने के बाद भी, जहाँ भी वह होगा, मौका पाता ही रहेगा।

जिन बिना अनुमतिपत्र आनेवालोंने बादमें अनुमतिपत्र ले लिया उनका क्या?

शुरू में छूट दी गई थी तो कुछ भारतीय बिना अनुमतिपत्रके आ गये थे। उन लोगों को बादमें निवासी-पास दिये गये थे और फिर उन पासोंको भी बदल कर अनुमतिपत्र दिये गये थे। एक भाईने पूछा है कि ऐसे लोगोंके अनुमतिपत्र कैसे हैं? उन्होंने यह भी पूछा है कि ऐसे अनुमतिपत्रवालोंको क्या हुक्म होगा? यह प्रश्न अनजान जैसा है। जिन्हें अनुमतिपत्र कार्यालयसे सम्बन्ध ही नहीं रखना है उन्हें हुक्म देनेवाला कौन होगा? वे अपने आपको स्वतन्त्र समझें और उस स्वतन्त्रताकी रक्षाके लिए जेल जायें।

'जेल जाओ'

जेल जानेके लिए निकल पड़ो, ऐसे कुछ पत्र मुझे मिले हैं। उन्हें मैं छपने के लिए नहीं भेज रहा हूँ। अभी जो स्वयं जेल जानेको तैयार हों, ऐसे लोगोंकी हमें जरूरत है। खुद जायेंगे तो दूसरेको सिखाना नहीं होगा और यदि खुद तैयार न होंगे तो उनकी सीखका दूसरोंपर प्रभाव नहीं पड़ेगा। अतः इन भाइयोंसे मेरा निवेदन है कि वे स्वयं क्या करना चाहते हैं, यह लिखकर सूचित करें, जिससे उनकी खबरें नामवार अंग्रेजी एवं गुजराती में प्रकाशित की जायें।

'फेरीवालोंको चेतावनी

फेरीवालोंके लिए ट्रान्सवालके हर गाँव में कानून बन गये हैं। उनका सारांश नीचे देता हूँ :

फेरीवाला (हॉकर) वह माना जायेगा जिसके पास गाड़ी हो। पैदल-विक्रेता (पेडलर) उसे कहा जायेगा जो पैदल चलकर व्यापार करता हो। उसके पास हाथ-गाड़ी हो सकती है। हर फेरीवालेके लिए परवाना शुल्क साढ़े पाँच पौंड वार्षिक रखा गया है और पैदल-विक्रेताका पाँच पौंड। हर फेरीवालेको अर्जीमें अपने रहनेका स्थान बताना चाहिए और परवाना मिलनेके बाद भी यदि पता बदले तो उसकी सूचना देनी चाहिए। हर फेरीवाले और पैदल-विक्रेताको अपनी गाड़ी या अपनी गठरीपर 'जोहानिसबर्ग नगर क्षेत्रका परवानादार विक्रेता' (लाइसेन्स्ड हॉकर फॉर जोहानिसबर्ग म्युनिसिपैलिटी एरिया) लिखना चाहिए। उसी प्रकार गोदामपर अपना नाम व उपर्युक्त शब्द लिखने चाहिए। तथा परचे छपाये जायें तो उनपर भी उपर्युक्त शब्द लिखे जायें। कोई भी व्यक्ति अपना परवाना दूसरेको नहीं दे सकता। लेकिन यदि कोई