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परिशिष्ट—४

ब्रिटिश भारतीय संघ
२५/२६ कोर्ट चेम्बर्स
रिसिक स्ट्रीट
जोहानिसबर्ग
नवम्बर १२, १९०६

सेवामें
निजी सचिव
परमश्रेष्ठ उच्चायुक्त
जोहानिसबर्ग
महोदय,

अपने संवकी ओरसे मैं उन हलफनामों[१]की प्रतियाँ यहाँ संलग्न कर रहा हूँ जो अब मेरे संपके अधिकारमें हैं। प्रार्थना है कि आप इन्हें यथासम्भव शीघ्र परममाननीय उपनिवेश-मन्त्रीके पास भेज दें।

आपका, आदि,
एच॰ पोलक
अवैतनिक कार्यवाहक मन्त्री
ब्रिटिश भारतीय संघ

[अंग्रेजीसे]
प्रिटोरिया आर्काइव्ज़ : एल॰ जी॰ फाइल : १९०२-१९०६
  1. ये हलफनामे एक शान्ति न्यायाधिपतिके सामने बाजान्ते दिये गये थे और इनपर एक दूसरेको प्रमाणित करते हुए कांडा स्वामी पिल्ले, सैमुअल विंसेंट टॉमस, शिव लिंगम् और वैदीवल नायडूने हस्ताक्षर किये थे। उन सबने प्रमाणित किया था कि डॉक्टर विलियम गॉडफ्रेने ब्रिटिश भारतीय संघके अधिकारका गलत प्रयोग करके ये हस्ताक्षर कोरे कागजपर ले लिये थे। स्वयं वह प्रार्थनापत्र जिसे गांधीजीने इस विषयपर लॉर्ड एलगिनको भेजे अपने एक वक्तव्यमें संक्षेपमें दिया था (पृष्ठ २०८-१३), और जिसका वास्तविक उद्देश्य डॉ॰ गॉडफ्रे हस्ताक्षरकर्ताको सही नहीं बताया था, वादको तैयार किया गया था। जब ये तथ्य ज्ञात हुए तब गॉडफ्रे के प्रार्थनापत्र पर हस्ताक्षर करनेवालों में से बहुतोंने अपने हस्ताक्षर वापस ले लिये थे।