पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/१४७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

८२. प्रार्थनापत्र: नेटाल विधान-सभाको

डर्बन
जुलाई २५, १९०७

सेवामें

माननीय अध्यक्ष और सदस्यगण
नेटाल उपनिवेशकी विधान-सभा

पीटरमैरित्सबर्ग

नेटाल भारतीय काँग्रेसके प्रतिनिधियोंके रूपमें उसके अध्यक्ष और
संयुक्त मन्त्रियोंका प्रार्थनापत्र

नम्र निवेदन है कि,

१. आपके प्रार्थी नेटाल भारतीय काँग्रेसके, अध्यक्ष और संयुक्त मन्त्रियोंके रूपमें उसका

प्रतिनिधित्व करते हैं।

२. आपके प्राथियोंने गत २५वीं जूनके सरकारी ‘गज़ट में प्रकाशित, भूमि-कर लागू करनेवाला विधेयक पढ़ा है।
३. आपके प्रार्थी इस सम्बन्ध में इस माननीय सदनका ध्यान आकृष्ट करते हैं और उस भेद-भावका जो इस विधानमें, जहाँतक करको दरका सम्बन्ध है, यूरोपीय और भारतीय किरायेदारोंके बीच किया जानेको है विरोध करते हैं।
४. आपके प्रार्थियोंकी विनम्र सम्मतिमें उद्दिष्ट भेद जातिगत होनेके कारण ब्रिटिश भारतीयोंके लिए अपमानजनक तो है ही, यह उनपर अनावश्यक कठिनाइयाँ भी लाद देता है। इसलिए आपके प्रार्थी नम्र निवेदन करते हैं कि यह माननीय सदन इस विधानमें ऐसा संशोधन करे कि उपर्युक्त कठिनाई दूर हो जाये; और न्याय और दयाके इस कार्यके लिए आपके प्रार्थी कर्तव्य समझकर सदा दुआ करेंगे, आदि।

दाउद मुहम्मद
दादा उस्मान
एम० सी० आँगलिया

[अंग्रेजीसे]
नेटाल आर्काइव्ज पीटरमैरित्सबर्ग: विधानसभाके वोट्स ऐंड प्रोसीडिंग्ज, १९०७