१०४. तार: सी० बर्डको
मयुरी लेन
[डर्बन]
अगस्त ८, १९०७
महामहिम सम्राट्ने आपको मान' प्रदान किया तदर्थ बधाई देता हूँ।
गांधी
हस्तलिखित दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ३८७७) से।
१०५. पत्र: जनरल स्मट्सके निजी सचिवको
जोहानिसबर्ग
अगस्त ८, १९०७
प्रिटोरिया
मुझे एकाधिक सूत्रोंसे यह सूचना मिली है कि जनरल स्मट्सकी रायमें एशियाई कानून संशोधन विधेयकके विरुद्ध आन्दोलनके लिए मैं जिम्मेदार हूँ और मेरे कामको वे बहुत नापसन्द करते हैं। यदि इस आरोपका मतलब यह है कि मेरे देशवासी कानूनका बिलकुल विरोध नहीं करते लेकिन मैं बेजरूरत उन्हें भड़काता हूँ, तो मैं इससे कतई इनकार करनेकी धृष्टता करता हैं। दूसरी ओर, यदि इसका यह अर्थ है कि मैंने उनके भावोंको प्रकट किया है और पूरी योग्यताके साथ उनके सामने ठीक-ठीक यह रखनेका प्रयत्न किया है कि कानूनका क्या उद्देश्य है, तो मैं पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूँ। मैं महसूस करता हूँ कि, चूंकि मेरे माता-पिताने मुझे व्यापक ढंगकी शिक्षा दी है और मैंने भी एक खास हद तक आधुनिक इतिहास पढ़ा है, इसलिए यदि मैं इतना भी नहीं करता तो अपने प्रति और अपने देशके प्रति सच्चा नहीं उतरूँगा।
श्री डी विलियर्ससे अपने पेशेसे सम्बन्धित मेरे ताल्लकात रहे हैं। इसलिए उनपर भरोसा करके मैं उनसे निजी तौरपर मिला और कठिनाईका कोई हल ढूँढ़नेके खयालसे मैंने उनसे गैर-सरकारी तौरपर दखल देने के लिए कहा। उन्होंने जनरल स्मट्ससे मिलकर मुझे सचित करनेका वचन दिया था। उन्होंने ऐसा किया भी। लेकिन मैं उनसे स्वयं फिर नहीं मिल सका। वे इस आशयका सन्देश अपने सचिवके पास छोड़ गये थे कि, यद्यपि उनसे मेरी
[३] टान्सवाल उपनिवेश-सचिवके निजी सचिव।
[४] पीटरमै रित्सबर्ग।
[५] कम्पेनियन ऑफ़ (दि ऑर्डर ऑफ़) सेंट माइकेल ऐंड सेंट जोजे।