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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/१९३

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१२४. पत्र: 'रैड डेली मेल' को

जोहानिसबर्ग
अगस्त १२, १९०७

सेवामें

सम्पादक
[रैड डेली मेल]

महोदय,

आपने एशियाई अधिनियमपर अपने विशेष लेखको इस उत्तेजक शीर्षकसे आरम्भ किया है, "भारतीय कर्ज नहीं चुकायेंगे"। इस लेखकी संयत भाषा प्रकट करती है कि यह किसी बरे इरादेसे नहीं लिखा गया है। साथ ही यदि आप तबतक काल्पनिक-जेंसी दीखनेवाली इस बातको छापनेसे हाथ रोके रहते, जबतक ब्रिटिश भारतीय समाजके नेताओंसे मिल न लेते, तो यह आपके पाठकोंकी अवश्य ही अधिक अच्छी और अधिक उपयोगी सेवा हुई होती। जाहिर है कि आपको उन नेताओंकी रायें मालूम नहीं है।

अब मुझे यह कहने की इजाजत दी जाये कि, जहाँतक मैं जानता हूँ, एक भी प्रतिष्ठित भारतीय ऐसा नहीं है जिसने कभी इस आशयका बयान दिया हो कि प्रत्येक भारतीय "अनाक्रामक प्रतिरोधके कारण जेलमें जायेगा अथवा अपने व्यापार या फेरीके परवानेसे वंचित किया जायेगा, अपना ऋण चुकानेसे इनकार कर देगा।" यह हमारे संघर्षकी भावनाके सर्वथा विरुद्ध होता। हमने ईश्वरके ऊपर पूरा भरोसा करके स्वयं कष्ट सहन करनेकी दृष्टिसे इस आन्दोलनको आरम्भ किया है। इसलिए, अपने वाजिब कर्जसे इनकार करनेका विचार रखना और उसे देनेसे इनकार करना हमारे लिए दुष्टताकी बात होती। चाहे हम हिन्दू हों या मुसलमान, हमारा विश्वास है कि जो कर्जे हम इस जिन्दगीमें अदा नहीं कर सकते वे दूसरे जन्ममें कठोर दण्डके साथ हमें चुकाने होंगे। कयामतके दिन हमें अपने पापोंका जवाब देना होगा और कर्ज न चुकाना उन पापोंमें कोई छोटा पाप नहीं है।

हम अवश्य ही हर तरफसे जोर डालना चाहते हैं। हम बेशक शाही संरक्षण चाहते हैं और उपनिवेशियों और सरकारकी सहानुभति भी उससे कम नहीं चाहते; परन्तु हम यह किसी ऐसे उपायसे नहीं प्राप्त करना चाहते जो बिलकुल स्वच्छ और प्रामाणिक न कहा जा सके। जसे अपनी व्यक्तिगत स्वतन्त्रता और प्रतिष्ठापर अकारण आक्रमण मानते हैं, उसके विरुद्ध हमारे बचावका केवल एक ही अस्त्र है कि हम दक्षिण आफ्रिकाके लोगों और उस विशाल साम्राज्यके नागरिकोंको, जिसके अंग होनेका गोरोंके समान हमारा भी दावा है, दिखा दें कि जिसे हम हृदयसे महा अन्याय समझते हैं उसके लिए कष्ट उठानेकी मर्दानगी हममें है।

मैं अपने साथी व्यापारियोंसे, जिनसे जल्दी में मैं मिल सकता था, मिला हूँ। वे हैं-सर्वश्री एम० सी० कमरुद्दीन ऐंड कम्पनी, एम० एस० कुवाड़िया, एम० ए० करोडिया, ए० एफ० कैमे ऐंड कम्पनी, आमद मूसाजी ऐंड कम्पनी, एम० पी० फैन्सी, मुहम्मद हुसैन एंड कम्पनी और जुसब इब्राहीम। और हम लोग पिछले महीनेसे अबतक लगभग १८,००० पौंड यहाँकी और लन्दनकी