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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/१९४

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

थोक व्यापारी फर्मोको चुकता कर चुके हैं। हममें से कुछने आकस्मिक जरूरतोंकी तैयारी करनेके लिए अवधिसे पहले ही अपने ऋण चुका दिये है। यह सत्य है कि हममें से बहुतोंने इस संघर्षके कारण अपने माल खरीदनेके आदेश रद कर दिये हैं। उन थोक व्यापारी फर्मोंके लिए और हमारे लिए उचित भी यही है। हमें अफसोस है कि हमारे ऐसा करनेसे उन थोक व्यापारी फर्मोको हमारे साथ-साथ हानि उठानी पड़ेगी। परन्तु वह अनिवार्य है।

आपका, आदि
ईसप इस्माइल मियाँ
सुलेमान इस्माइल मियाँ व कम्पनीके प्रबन्धक साझी
और कार्यवाहक अध्यक्ष
ब्रिटिश भारतीय संघ

[अंग्रेजीसे]
रैंड डेली मेल, १३-८-१९०७

१२५. पत्र: जनरल स्मट्स के निजी सचिवको

जोहानिसबर्ग
अगस्त १५, १९०७

जनरल स्मट्सके निजी सचिव

प्रिटोरिया

महोदय,

आपने एशियाई कानून संशोधन अधिनियमके सम्बन्धमें मेरे ८ तारीखके पत्रके उत्तरमें १४ तारीखको जो पत्र भेजा है, मुझे उसकी प्राप्ति स्वीकार करनेका सम्मान प्राप्त हुआ। मैं सम्बन्धित अधिनियमके सम्बन्धमें अपने विचार स्पष्ट रूपसे बतानेके लिए जनरल स्मट्सको धन्यवाद देता हूँ।

मेरी विनीत सम्मतिमें, मेरे सुझाये हुए संशोधनोंसे एशियाई कानून संशोधन अधिनियमका प्रधान मन्तव्य कार्यान्वित हो जायेगा, अर्थात् उनसे उपनिवेशमें रहने के अधिकारी प्रत्येक एशियाईकी शिनाख्त हो जायेगी।

[] जनरल स्मटसके निजी सचिवने गोपनीय रूपसे लिखा था: "...मुझे आपको यह सूचित करनेका निर्देश दिया गया है कि श्री स्मट्स उन संशोधनको स्वीकार करने में असमर्थ हैं जो आपने प्रवासी प्रतिबन्धक विधेयकमें रखे हैं, क्योंकि उस विधेयक में ऐसे संशोधनोंसे, यदि वे सम्भव हों तो, १९०७ के एशियाई कानून संशोधन अधिनियमके सब विधान बिलकुल समाप्त हो जायेगे और इसके अतिरिक्त चूँकि विधेयकमें इस स्तरपर इन संशोधनोंको स्वीकार करना असम्भव है उपनिवेश-सचिव एशियाई कानून संशोधन अधिनियमकी सब धाराओंफो पूरी तरह अमलमें लायेंगे और यदि इस देशके निवासी भारतीयोंके प्रतिरोधसे वे परिणाम निकलते हैं, जो इस समय उनके सामने गम्भीर रूपमें प्रस्तुत नहीं है, तो इसमें दोष केवल उनका और उनके नेताओंका होगा।"

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