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१३३. कच्ची उम्रमें बीड़ी पीना रोकनेका कानून

कुछ ही दिन हुए नेटाल संसदमें उपर्युक्त कानून पास हुआ है। उसका अनुवाद धारा-प्रति-धारा नीचे दिया जाता है:

(१) १६ वर्षसे कम उम्रके लोगोंका तम्बाकू, सिगरेट या सिगार पीना गैर-कानूनी माना जायेगा। [ऐसे लोगोंके पास] तम्बाकू, चिलम, सिगार, सिगरेट या सिगरेट होल्डर दिखाई दे तो गोरा पुलिस अधिकारी उसे जब्त करके सरकारको सौंप दे।

(२) पाठशालामें जानेवाले किसी बच्चे के पास उपर्युक्त सिगरेट आदि जो भी चीजें मिलेंगी, उन्हें पाठशालाका शिक्षक छीनकर उसके अभिभावकको सौंप देगा। यदि शालामें जानेवाले बच्चे तम्बाकू पीते मालूम होंगे तो उन्हें शालाके नियमके विरुद्ध काम करने के अपराध दण्ड दिया जा सकेगा।

(३) माता-पिता, अभिभावक या मालिककी चिट्ठी न हो तो १६ वर्षसे कम उम्रके बच्चेको तम्बाक, सिगार या सिगरेट न दी जाये या न बेची जाये। चिट्ठी अथवा हुक्ममें यह लिखा होना चाहिए कि सिगरेट वगैरह चीजें १६ वर्ष से अधिक उम्रके लोगोंके उपयोगके लिए हैं, और वे हस्ताक्षरकर्ताको सौंप दी जायेंगी। इस तरहका लिखित पत्र प्राप्त हुए बिना १६ वर्षसे कम उम्रके बच्चोंको सिगरेट वगैरह देना या बेचना गैर-कानूनी माना जायेगा। इस धाराके उल्लंघन करनेवालेको प्रति अपराधके लिए ५ पौंड तक जुर्मानेको अथवा एक महीने तक की कैदकी सजा दी जा सकेगी।

(४) जो माता-पिता, अभिभावक या मालिक न होते हुए भी १६ वर्ष से कम उम्रके लड़केको सिगरेट वगैरह खरीदने भेजेगा उसे ५ पौंड तक का जुर्माना अथवा एक महीने तक की सजा दी जा सकेगी।

(५) इस कानूनके सम्बन्धमें उम्रका प्रश्न खड़ा होनेपर अन्य सन्तोषजनक सबूतोंके अभावमें अदालत व्यक्तिके चेहरेपर से उम्र निश्चित करेगी और वह ठीक मानी जायेगी।

(६) इस कानूनको १९०७ का धूम्रपान-निरोधक कानून कहा जायेगा।

(गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, १७-८-१९०७