पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/२४०

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१६५. तार:[१] दादाभाई नौरोजीको

[डर्बन
सितम्बर ४, १९०७]

नेटाल भारतीय कांग्रेसकी भारत के राष्ट्र-पितामहको शुभ कामनाएँ। यह दिन बार बार आये। ईश्वर भारतीय प्रवीरको दीर्घायु करें।

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ७-९-१९०७

१६६. भाषण: डर्बन में[२]

[डर्बन
सितम्बर ४, १९०७]

…गांधीजीने सुझाया कि सारे दक्षिण आफ्रिका और ट्रान्सवालसे बाहरके भारतीय चन्दा जमा करें और ऐसी किसी भी आकस्मिक आवश्यकताके लिए, जो ट्रान्सवालमें उठ खड़ी हो, कोष तैयार करें तो यह बहुत बड़ी सहायता होगी।

…वक्ताने भारतीय समाजके स्वेच्छया पंजीयन कराने के प्रस्तावका और जनरल स्मट्सको भेजे अपने पत्रका भी अर्थ समझाया।[३]

[अंग्रेजीसे]
इंडियन ओपिनियन, ७-९-१९०७
  1. यह दादाभाई नौरोजीके ८३ वें जन्मदिनपर भेजा गया था। देखिए "भाषण: कांग्रेसकी सभामें", पृष्ठ २११-१३।
  2. गांधीजीकी डर्बन यात्राके अवसरपर नेटाल भारतीय कांग्रेसकी एक विशेष बैठक बुलाई गई। अध्यक्ष श्री दाउद मुहम्मदकी विनतीपर वे ट्रान्सवाल-संघर्षकी तत्कालीन स्थिति के बारेमें बोले। उक्त बैठककी रिपोर्टके ये कुछ अंश हैं।
  3. विस्तृत विवरणके लिए गुजरातीसे अनूदित अगला शीर्षक देखिए।