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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 7.pdf/३४१

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२४८. भारतके राष्ट्र-पितामह

पूज्य दादाभाई नौरोजी इस समय विलायतमें हैं। अपनी अति वृद्धावस्था तथा बीमारीके कारण उन्होंने अपनी उत्तरावस्था देशमें बितानी चाही। इसलिए उनके सम्मानमें लन्दनमें बहुत बड़ा सम्मेलन किया गया था। दुर्भाग्यसे उसी दिन उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। वे सम्मेलनमें नहीं जा पाये और उनका स्वदेश लौटना भी रह गया। यह समाचार विलायतसे पिछली डाकसे आया है। इस प्रसंगको अब लगभग एक महीना होने जा रहा है। आजतक कोई तार नहीं आया है। इससे माना जा सकता है कि भारतके पितामह अभी सकुशल हैं और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। आगामी डाकसे विशेष समाचार प्राप्त होने चाहिए। इस बीच हम सबको ईश्वरसे यह प्रार्थना करनी है कि वह पितामहको दीर्घायु करे।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २६-१०-१९०७

२४९. स्वर्गीय अधीक्षक अलेक्जैंडर

सुपरिटेंडेंट अलेक्ज़ैंडरका इंग्लैंडमें देहावसान हो गया, यह तार समाचारपत्रों में छपा है। यह समाचार हमारे लिए बड़ा खेदजनक है और हम मानते हैं कि इससे प्रत्येक भारतीयको खेद होगा। सुपरिटेंडेंट अलेक्ज़ेंडरने भारतीयोंके प्रति कृपालु दृष्टि रखी थी। इस अवसरपर स्मरण किया जा सकता है कि भारतीय समाजकी ओरसे उन्हें जो थैली मिली थी, वह इंग्लैंड जाने में उन्हें बड़ी काम आई थी। श्री अलेक्ज़ेंडर अपने पीछे अपनी पत्नी छोड़ गये हैं। हमारी उनसे सहानुभूति है।

[गुजरातीसे]
इंडियन ओपिनियन, २६-१०-१९०७