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रामसुन्दर पण्डितका मुकदमा


मेरा विश्वास है कि उसने ऐसा प्रचार किया है; और इस विश्वासके आधारपर मैंने उसका अनुमतिपत्र नया करनेसे इनकार कर दिया है।

क्या आप कहते हैं, आपका विश्वास है कि उन्होंने पुरोहितके कर्तव्यसे भिन्न कार्य किया है?

मैंने यह नहीं कहा।

आपने अभी कहा है कि आपके पास ऐसा माननेके कारण है कि वे धार्मिक सिद्धान्तोंसे भिन्न सिद्धान्तोंका प्रचार कर रहे हैं। क्या आपके पास यह विश्वास करनेके पर्याप्त कारण है?

मुझे गोरों और रंगदार, दोनोंसे शिकायतें मिली हैं।

क्या आपने उनको इन शिकायतोंके सम्बन्धमें कभी चेतावनी दी है?

निश्चय ही नहीं दी।

आपको शिकायतें कब मिलीं?

मुझे ठीक तारीखें याद नहीं आ रहीं, किन्तु ये एशियाइयोंके पंजीयनके सम्बन्धमें थीं।

क्या आप इन शिकायतोंको पेश कर सकते हैं?

मैं पेश तो हगिज नहीं करूंगा।

तब, श्री चैमने, आप इन शिकायतोंको पेश करनेसे निश्चित रूपसे इनकार करते हैं?

मैं आपको उन व्यक्तियोंके, जिन्होंने शिकायतें की हैं, नाम बतानेसे निश्चित रूपसे इनकार करता हूँ।

श्री गांधीके अनुरोधपर गवाहने पिछले २८ सितम्बरकी वह दरख्वास्त पेश की जो उसको जर्मिस्टनके भारतीयोंसे प्राप्त हुई थी और जिसमें उससे अभियुक्तके अनुमतिपत्रकी अवधि, जो समाप्त होनेवाली थी, बढ़ानेकी प्रार्थना की गई थी और कहा गया था कि अभियुक्त मात्र मन्दिरसे सम्बन्धित काममें लगा रहता और अपने धार्मिक कर्तव्योंका पालन करता है।

क्या आपने इस दरख्वास्तको अनुमतिपत्रकी अवधि बढ़ाने के लिए पर्याप्त प्रेरणादायक नहीं समझा?

नहीं, मुझे जो सूचनाएँ दी गई थीं उनको देखते हुए मैंने इसको पर्याप्त नहीं समझा।

आप मानते हैं कि अभियुक्तने जर्मिस्टनका हिन्दू मन्दिर खरीदा है?

मैं इस सम्बन्धमें कुछ नहीं जानता। वह यहाँ कुछ सप्ताहका अनुमतिपत्र लेकर आया था, और हमने उस अनुमतिपत्रकी अवधि एक वर्षसे अधिक समयके लिए बढ़ा दी, और मैं नहीं जानता कि उसने क्या किया।

और यदि यह नया अधिनियम न बना होता तो आप, कदाचित, उसकी अवधि निरन्तर बढ़ाते जाते?

बहुत सम्भव है, बढ़ाता जाता।

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