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जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

बाद ही सितम्बर महीने में जेलका प्रस्ताव पास किया गया था। इसलिए हर भारतीयके लिए लाजिम है कि वह हम ट्रान्सवालवालोंको आवश्यक प्रोत्साहन दे और खुदासे प्रार्थना करे कि सच्ची कसौटीके समय वह हमें हिम्मत बख्शे।

जर्मन पूर्व आफ्रिकामें भारतीय

'स्टार' का विलायतस्थित संवाददाता तारसे सूचित करता है कि जर्मन उपनिवेशसमितिको बैठक जर्मनीमें हुई थी। उसमें कुछ सदस्योंने कहा कि भारतीय व्यापारी जर्मन पूर्व आफ्रिकामें छोटे यूरोपीय व्यापारियोंको नुकसान पहुंचाते हैं। वे काफिरोंको ठगते हैं। विद्रोहके लिए उन्होंने प्रोत्साहित किया था। इसलिए उनके लिए दक्षिण आफ्रिकाके समान कानून बनाये जाने चाहिए। इस समितिको कार्यसमितिने यह रिपोर्ट दी है कि यद्यपि भारतीय व्यापारियोंपर कुछ इल्जाम तो लगाये ही जा सकते हैं, फिर भी कुल मिलाकर कहना होगा कि उनके होनेसे फायदा हुआ है। उन्हें निकाल देनेका कानून बनानेसे इंग्लैंडसे खींचातानी होना सम्भव है। दूसरे कुछ सदस्योंने, जो उपनिवेशकी हालतसे परिचित थे, भारतीय व्यापारियोंका बचाव किया।

झूठी गवाहीके लिए सजा

पुनसामी नामक धोबीपर झूठी गवाही देनेके अपराधमें सर विलियम स्मिथके पास मुकदमा चला था। उसने दूसरे भारतीयोंपर गलत अभियोग लगाया था कि वे अपराधी है, जब कि वह जानता था कि वे निरपराध हैं। पंचने सामीको अपराधी ठहराया और न्यायाधीशने उसे १८ महीनेकी सख्त कैदको सजा दी। इस उदाहरणसे जो झूठी गवाही देते नहीं डरते उन लोगोंको चेत जाना चाहिए।

निर्धारित समयपर दुकानें बन्द करनेकी हलचल

तारीख २२ को जोहानिसबर्ग नगर-परिषदमें निर्धारित समयपर दूकानें बन्द करनेकी बात चली थी। परिषदमें बहुत ही मतभेद रहा इसलिए सदस्य एक निर्णयपर नहीं पहुँच सके और यह निर्णय किया गया कि इस सम्पूर्ण प्रश्नका निबटारा संसद करे। इसीके साथ संसदके समक्ष निवेदन भी कर दिया गया है। इसका मतलब यह होता है कि आम तौर पर दुकानें छ: बजे बन्द की जायें तथा बुधवारको एक बजे, शनिवारको रातके ९ बजे और त्यौहारके दिन बिलकुल बन्द रहें। जब दूकानें बन्द हों उस समय फेरीवालोंको भी अपना रोजगार बन्द रखना चाहिए। किन्तु इस तरहका कानून अभी बना नहीं है। यह उसके बननेकी तैयारी समझें। जो भारतीय अपने-आप ही समझकर जल्दी दूकान बन्द करने लगेंगे, वे मीर माने जायेंगे।

जोहानिसबर्गमें भूमि-कर

इस बार भूमि-कर सवा पेनी प्रतिशत निश्चित किया गया है। उस करका हिसाब १ जनवरीसे ३० जून १९०७ तक लगाया जायेगा। २४ जून १९०७ को वह कर जमा करना होगा। जो २४ तारीख तक नहीं जमा कर पायेंगे उन्हें १ प्रतिशत प्रतिमाहकी दरसे ब्याज देना होगा।

चीनियोंकी सभा और जेलका प्रस्ताव

पिछले रविवारको चीनी संघकी एक सभा उसके हालमें हुई थी। उसमें करीबन तीन सौ चीनी, विशेषतः व्यापारी, हाजिर थे। श्री एम. क्विनने अध्यक्षका स्थान ग्रहण किया