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२८५. रामसुन्दर पण्डितका मुकदमा
जर्मिस्टनमें विराट सभा

हम पिछले सप्ताहके तारमें बता चुके हैं कि रामसुन्दर पण्डित शुक्रवार ८ तारीखको बिना अनुमतिपत्रके ट्रान्सवालमें रहने के कारण गिरफ्तार कर लिये गये हैं। वे शुक्रवारको सवेरे स्वयं जर्मिस्टनमें अदालतके सामने खड़े थे। उस समय खुफिया पुलिसके आदमीने उनका नाम पूछा और अनुमतिपत्र माँगा। उन्होंने कहा, मेरे पास अनुमतिपत्र नहीं है। इसपर खुफियाने उन्हें उसी वक्त पकड़ लिया। श्री पोलकको मालूम हुआ तो वे तुरन्त जर्मिस्टन गये। श्री पण्डितसे जेलमें मिले। पूछनेपर श्री पण्डितने उत्तर दिया कि मुझे जमानतपर बिलकुल नहीं छूटना है। मैं जेलमें ही रहूँगा।

जेलमें जेलरने भी जमानतपर छूटनेके लिए उनपर बहुत दबाव डाला। किन्तु उन्होंने साफ इनकार कर दिया और कहा कि मैं अपनी कौमके लिए तथा अपने धर्मके लिए जेलमें ही रहूँगा।

जेलमें हालत

जेलमें हालत बहुत अच्छी थी। रहने, नहाने-धोने आदिकी सारी व्यवस्था उनके लिए कर दी गई थी। पण्डितजीके कथनानुसार, जब वे जेल गये थे तब उन्हें बुखार आता था। अब बिलकुल नहीं है। खाने-पीनेकी व्यवस्था समाजकी ओरसे की गई थी और दूध तथा मेवा बराबर पहुँचाया जाता था। इन चीजोंके अलावा और कुछ खाने से उन्होंने इनकार कर दिया।

तारोंकी वर्षा

जेलमें उनके पास बधाईके और हिम्मत बँधानेके बहुत से तार आये। नेटाल भारतीय कांग्रेस, डर्बन इस्लामिया अंजुमन, डर्बन मेमन समिति, हिन्दू सभा (डर्बन), पारसी समिति (डर्बन), व्यास (प्रिटोरिया ), सूरत हिन्दू संघ (डर्बन) के पाससे तार मिले। सभी तारोंमें पण्डितजीको धर्म और भारतीय समाजकी लड़ाईके लिए जेल जानेपर मुबारकबादी दी गई।

सोमवारको मुकदमा

मजिस्ट्रेटके सामने सोमवारको मुकदमेकी सुनवाई होगी, इस आशासे बहुत सी जगहोंसे नेता लोग आये थे। जोहानिसबर्गसे मौलवी साहब अहमद मुख्त्यार, श्री ईसप मियाँ, इमाम अब्दुल कादिर, श्री उमरजी सालेजी, श्री एम॰ एस॰ कुवाड़िया, श्री जूसब इब्राहीम, श्री अहमद मूसाजी, श्री थम्बी नायडू, श्री पोलक, श्री मुहम्मद खाँ, श्री गुलाबभाई, श्री भट, श्री नारायणजी, श्री नवाबखाँ, श्री अलीभाई आकुजी वगैरह आये थे। प्रिटोरियासे श्री काछलिया, श्री पिल्ले, श्री व्यास, श्री मणिभाई आदि थे। क्रूगर्सडॉपसे श्री वाजा, वेरीनिजिंगसे अस्वात वगैरह थे। पुकार होनेके पहले लगभग १५० भारतीय अदालतके दरवाजेपर हाजिर हो गये थे। बहुत-से लोगोंके हाथोंमें फूलोंके हार वगैरह थे। साढ़े दस बजे श्री गांधीने खबर दी कि मुकदमा