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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय

इसके बाद श्री क्विन इसपर निम्नानुसार टीका करते हैं:

इस पत्रको पढ़ने के बाद मुझे कितनी पीड़ा हुई होगी, उसकी आप कल्पना कर सकेंगे। तुरन्त ही मैंने अखबार पढ़ा, तो मालूम हुआ था कि चाऊ क्वाईने जैसा कहा था वैसा कर डाला। उसकी लाशके लिए मेरे संघने तुरन्त ही अर्जी दी और अभी मैं उसकी दफन-क्रिया करमें आ रहा हूँ। उस क्रियाके समय लगभग ७० चीनी सदस्य उपस्थित थे।

मेरे समाजके इस आदमीको धमकी दी गई थी, इस आरोपको मैं बिलकुल गलत कहता हूँ और उसे बिलकुल महत्त्व नहीं देता। इस खेदजनक घटनाका अर्थ क्या हुआ? उसे खुले आम कहने में मुझे जरा भी संकोच नहीं है। ऐसे अवसरपर मेरा खून गरम हुए बिना नहीं रहता। इसलिए मैं सोच-समझकर यह आरोप लगाता हूँ कि ट्रान्सवाल सरकारने निरपराध मनुष्यका खून करनेके समान काम किया है, और इसका कारण केवल यही है कि वह एशियाई था। एशियाई कानून पास हुआ तबसे हम बड़ी उलझनमें पड़ गये थे। और अब तो एशियाई कानूनने एक आदमीकी जान ले ली है। जिस कानूनसे इतनी दुःखदायी घटना हो सकती है, क्या उसे ट्रान्सवालके गोरे न्यायपूर्वक चला सकेंगे? अथवा, क्या ट्रान्सवालके लोग अब भी कहेंगे कि एशियाई कानून कामका है, ट्रान्सवालके गोरोंकी रक्षाके लिए आवश्यक है, और यदि एशियाई ऐसा मान लेते हैं कि एशियाई कानूनसे उनका अपमान होता है तो इससे हमारा क्या बिगड़ा? या, अब लोग ऐसा नहीं कहेंगे? पश्चिमके लोगोंको हम सभ्य मानते हैं; अतः वे ऐसा समझेंगे यह हम कैसे मान सकते हैं?

शाहजी साहब

शाहजी साहबका मुकदमा बुधवारको अदालतमें आया था। सैकड़ों भारतीय उपस्थित थे। श्री मुहम्मद शहाबुद्दीनने मुकदमा वापस लेनेका बहुत प्रयत्न किया, किन्तु वैसा हो नहीं सका। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि उनका विचार फरियाद करनेका नहीं है। धर्मका खण्डन करने के कारण शाहजी साहबने मारा, किन्तु वह उस मारको अपने बापकी मारके समान समझता है। अदालतने शाहजी साहबको चेतावनी देकर छोड़ दिया।

व्यास और दूसरे धरनेदार पकड़े गये

श्री गौरीशंकर व्यास, श्री लछमन तथा श्री शरफुद्दीन धरना देते हुए पकड़े गये हैं। उन सबको बिना जमानतके छोड़ दिया गया है। उन्होंने जमानत देकर छूटनेसे इनकार किया। मुकदमा १५ तारीखको होगा। प्रिटोरियामें शोरगुल मचा हुआ है। सब जोशमें हैं। उनके लिए बधाईके तार गये हैं।

गोरोंमें खलबली

गोरोंमें अब खलबली मची हुई है। कुछ गोरे सरकारके पास शिष्टमण्डल ले जाना चाहते हैं। विशेष खबर बादमें देनेकी आशा है।

कांग्रेसके लिए प्रतिनिधि

श्री ईसप मियाँकी अध्यक्षता में बुधवारको ब्रिटिश भारतीय संघकी बैठक हुई थी। बहुत-से सदस्य उपस्थित थे। श्री फैन्सी, श्री कुवाड़िया, श्री काछलिया, श्री अहमद मूसाजी, श्री मौलवी